गंगा नदी की सफाई सिर्फ चुनावी जुमला बनकर रह गई है : कांग्रेस
हक दिलीप
- 20 Jun 2025, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में गंगा नदी की सफाई सिर्फ एक चुनावी जुमला बनकर रह गई है और यह विषय हर चुनाव से पहले अचानक याद आ जाता है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि राज्य में डबल इंजन की सरकार आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में पूरी तरह विफल रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बिहार के सिवान जिले में 5,900 करोड़ रुपये से अधिक की 28 विकास परियोजनाओं का शुक्रवार को उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘विज्ञापन-जीवी प्रधानमंत्री एक बार फिर बिहार के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री चाहे जितनी फर्जी घोषणाएं कर लें, चाहे जितने फीते काटकर मुफ्त का विज्ञापन कर लें, सच्चाई यही है कि बिहार में डबल इंजन की सरकार आम जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह नाकाम रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिहार में वंचित वर्गों के खिलाफ उत्पीड़न चरम पर है, कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है, अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और आम नागरिक बेबस। हर दिन हत्या, लूट और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। युवाओं के पास राज्य में कोई रोजगार नहीं है और वे मजबूरी में बिहार से पलायन कर रहे हैं।’’
रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मां गंगा के प्रदूषण को लेकर चुनावी चिंता भी जताएंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले 11 वर्षों में 'गंगा सफाई' सिर्फ एक चुनावी जुमला बनकर रह गई है, जो हर चुनाव से पहले अचानक याद आ जाती है।
कांग्रेस ने कहा, ‘‘बिहार ही नहीं, पूरे देश में मां गंगा पहले से ज्यादा प्रदूषित हो चुकी हैं। गंगा स्वच्छता अभियान के नाम पर चलाई गई ज्यादातर योजनाएं भ्रष्टाचार का ‘ब्लैक होल’ साबित हुई हैं। पटना और बिहार में गंगा प्रदूषण की जो भयावह स्थिति है, उसकी पोल खुद राष्ट्रीय हरित अधिकरण खोल रहा है।’’
बिहार के सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार ने न तो-बाढ़ नियंत्रण की ओर कदम बढ़ाया और न ही गंगा का पानी पीने योग्य बनाया। यहां तक कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बिहार सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना तक लगाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में थे। वह भ्रमण का कार्यक्रम बनाकर, भ्रामक घोषणाओं की झड़ी लगाते हैं, लेकिन आज हम एक चौंकाने वाला खुलासा करने जा रहे हैं।’’
कुमार ने दावा किया, ‘‘बिहार में जद (यू) और भाजपा सरकार ‘नमामि गंगे’ योजना लाई थी, जिसमें उन्होंने वादा किया था कि हम गंगा जी के पानी को शुद्ध करेंगे और भारत के लोगों को साफ पानी देंगे। लेकिन उन्होंने मां गंगा से झूठे वादे किए।’’
उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में गंगा और उसकी सहयोगी नदियों के लिए बनाए गए 13 अवजल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) में सिर्फ सात काम कर रहे हैं।
कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार ने गंगा नदी की ऐसी हालत कर दी कि उसका पानी न तो पीने योग्य है और न ही नहाने योग्य।
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