पिता ने सरकार से ईरान में फंसी अपनी बेटी और उसके परिवार की सुरक्षित वापसी का किया आग्रह
संजीव नरेश
- 20 Jun 2025, 06:09 PM
- Updated: 06:09 PM
रायपुर, 20 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी एक पिता ने सरकार से ईरान में फंसी अपनी बेटी, दामाद और उनके दो बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
छत्तीसगढ़ में जेल विभाग के एक कर्मचारी कासिम रजा ने शुक्रवार को पीटीआई—भाषा को बताया कि उन्होंने बुधवार (18 जून) को अपनी बेटी से फोन पर बात की थी, जिसके बाद से उससे और उसके परिवार से संपर्क नहीं हो पाया।
रजा ने कहा, ''मेरी बेटी ईरान के एक शहर कोम में अपने परिवार के साथ रहती है। बुधवार को मैंने अपनी बेटी से फोन पर बात की। ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच वह चिंतित और तनावग्रस्त थी। उसने मुझसे कहा कि उन्हें ईरान से निकालकर किसी भी तरह से भारत वापस लाया जाए।''
रायपुर के केंद्रीय जेल परिसर में रहने वाले रजा ने बताया कि उनकी बेटी ऐमन रजा (29) की शादी पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के दमोह के निवासी एजाज जैदी (34) से 2017 में हुई थी।
उन्होंने बताया, ''शादी के अगले वर्ष दोनों ईरान चले गए। फिलहाल मेरा दामाद मौलवियत (पारंपरिक इस्लामी शिक्षा) की पढ़ाई कर रहा है। उनके दो बेटे हैं, एक पांच वर्ष साल का और दूसरा तीन वर्ष का। दोनों ईरान में पैदा हुए हैं।''
रजा ने बताया, ''बुधवार के बाद से हम लगातार उससे और उसके परिचितों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनमें से किसी से भी संपर्क नहीं हो पाया है। मेरी बेटी थायराइड से भी पीड़ित है। हम सभी चिंतित हैं।''
रजा ने सरकार से उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ''मैं इस संबंध में सरकार को एक पत्र सौंपूंगा, जिसमें मेरी बेटी और उसके परिवार की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया जाएगा''
इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के जो भी निवासी ईरान में फंसे हुए हैं उनकी सुरक्षित वापसी होगी।
साव ने पीटीआई वीडियो से कहा, ''भारत सरकार लगातार ईरान में जो फंसे हुए भारतीय हैं, उनको हरसंभव मदद कर उन्हें सुरक्षित लाने में लगी है। हमारे छत्तीसगढ़ के जो लोग वहां पर हैं, छत्तीसगढ़ की सरकार तथा भारत की सरकार समन्वय बनाकर उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रयत्न कर रही है। सभी भारतीय और छत्तीसगढ़ के निवासी सुरक्षित वापस आएंगे।''
भाषा संजीव