कक्षा 'घोटाला' : ईडी ने 300 से अधिक पासबुक और दिल्ली सरकार की फाइलें जब्त कीं
अविनाश दिलीप
- 20 Jun 2025, 05:39 PM
- Updated: 05:39 PM
नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि मजदूरों के नाम पर खोले गए बैंक खातों (म्यूल) से जुड़ी 300 से अधिक पासबुक जब्त की गई हैं, जिनके जरिए पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान कक्षा निर्माण ‘घोटाले’ से प्राप्त राशि की ‘हेराफेरी’ की गयी थी।
जांच एजेंसी ने इस मामले के सिलसिले में 18 जून को दिल्ली में 37 स्थानों पर तलाशी ली थी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने ईडी की कार्रवाई को जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास बताते हुए कहा था कि उसके नेताओं के खिलाफ आरोप ‘राजनीति से प्रेरित’ हैं।
धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी का मामला, दिल्ली की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा (एसीबी) द्वारा 30 अप्रैल को आप नेताओं और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों - मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
सिसोदिया (53) राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आप सरकार में वित्त और शिक्षा मंत्री थे। वहीं, 60 वर्षीय जैन लोक निर्माण विभाग और कुछ अन्य विभागों के प्रभारी थे।
ईडी ने एक बयान में कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने एक ठेकेदार के परिसर से ठोस सबूत बरामद किए हैं।
बयान के अनुसार, जब्त सामग्रियों में दिल्ली सरकार से संबंधित मूल फाइलें, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के नाम और पदनाम वाले रबर स्टैम्प शामिल थे।
इसमें कहा गया है कि अधिकारियों को 322 बैंक पासबुक भी मिले, जो मजदूरों के नाम पर खोले गए खातों के थे और उनका उपयोग अवैध धन के लेन-देन के लिए किया गया था। छापे के दौरान ठेकेदारों और मुखौटा संस्थाओं के ‘जाली’ लेटरहेड भी जब्त किए गए, जिनका इस्तेमाल नकली खरीद रिकॉर्ड और फर्जी खरीद बिल बनाने के लिए किया गया था।
ईडी ने कहा कि यह मामला 2015 से 2023 के बीच पीडब्ल्यूडी द्वारा 12,748 अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय ‘गड़बड़ी’ से संबंधित है।
एजेंसी ने कहा कि 2,405 कक्षाओं की प्रारंभिक आवश्यकता के बावजूद, परियोजना का दायरा ‘मनमाने ढंग से’ बढ़ाकर 7,180 कक्षाएं कर दिया गया और बाद में, उचित मंजूरी या अनुमोदन के बिना ही 12,748 कमरे कर दिया गया। इसके फलस्वरूप लागत में भारी वृद्धि हुई।
आप ने 18 जून को कहा था कि तथाकथित छापे वास्तविकता से जनता का ध्यान हटाने के लिए हताशा भरा प्रयास हैं। पार्टी ने कहा कि ‘‘आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं और केवल भाजपा के जनविरोधी कार्यों से ध्यान हटाने के लिए हैं।’’
इस मामले में एसीबी ने सिसोदिया और जैन से पूछताछ की है। केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा मामले में कथित खामियों को उजागर किए जाने के बाद एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की।
कपिल मिश्रा, हरीश खुराना और नीलकांत बख्शी सहित विभिन्न भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने 2019 में दिल्ली के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।
एसीबी का आरोप है कि इस परियोजना पर कुल 2,892 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिससे प्रति कक्षा लागत 24.86 लाख रुपये हो गई, जबकि मानक मानदंडों के तहत अनुमानित लागत पांच लाख रुपये थी।
उसने दावा किया कि परियोजना के ठेके 34 लोगों को दिए गए, जिनमें से अधिकतर कथित तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़े थे।
भाषा अविनाश