प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस में व्यापार जगत के लोगों के साथ बैठक में हिस्सा लिया
सुरभि रंजन
- 16 Jun 2025, 01:05 AM
- Updated: 01:05 AM
(फोटो के साथ)
निकोसिया, 15 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में एक व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया और व्यापार, निवेश एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें ‘‘विकास की अपार संभावनाएं’’ हैं।
प्रधानमंत्री आज दिन में साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचे। उन्होंने बैठक में भारत और साइप्रस के व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित किया।
व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में ‘‘विकास की अपार संभावनाओं’’ पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘साइप्रस लंबे समय से भारत का एक विश्वसनीय साझेदार रहा है।’’
बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दिया गया। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अग्रणी सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के साथ बातचीत की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नवाचार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी आदि जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। मैंने पिछले दशक में भारत के सुधार पथ के बारे में भी बात की।’’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘23 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस आया है और पहला कार्यक्रम व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक थी। यह इस बात का संकेत है कि आर्थिक दुनिया से जुड़े लोग भारत और साइप्रस के संबंधों के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई भारतीय कंपनियां इसे यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखती हैं।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए एक पोस्ट में कहा, ‘‘निवेश, प्रौद्योगिकी और व्यापार संबंधों को और मजबूत करना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक को संबोधित किया, जिसमें साइप्रस और भारतीय कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नेताओं ने व्यापार, निवेश, वित्तीय सेवाओं, फिनटेक, स्टार्ट-अप, नवाचार, एआई, आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), साजो सामान, रक्षा, संपर्क, नौवहन और गतिशीलता के क्षेत्रों में आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया।’’
उन्होंने भारत की विकास कहानी के बारे में भी बात की और कहा कि देश ने ‘‘व्यापार सुगमता’’ के साथ-साथ ‘‘व्यापार में विश्वास’’ पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित किया है।
साइप्रस को ‘‘प्रसिद्ध पर्यटन स्थल’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत भी गंतव्य विकास और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसलिए ‘‘हमारे टूर ऑपरेटरों के बीच घनिष्ठ सहयोग सार्थक होगा’’।
उन्होंने कहा कि कई अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह के सहयोग की संभावना है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान सीमा पार लेनदेन के लिए साइप्रस में यूपीआई सेवाएं शुरू करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि यूपीआई की वजह से आज दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह यूरोप और ‘गिफ्ट सिटी इंडिया’ के बीच अपनी तरह की पहली व्यवस्था है और इससे गिफ्ट सिटी, साइप्रस और यूरोप के निवेशकों को लाभ होगा।
बैठक से पहले ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश में जायसवाल ने कहा कि मंच में ‘‘स्टार्टअप, नवाचार, डिजिटल भुगतान, नौवहन, जहाज निर्माण, बंदरगाहों आदि जैसे नए क्षेत्रों में भारत-साइप्रस व्यापार साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों के बारे में विचारों की पहचान की जाएगी, उन पर बातचीत की जाएगी और चर्चा की जाएगी।’’
पिछले दो दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की यह पहली यात्रा है।
साइप्रस पहुंचने पर विशेष गर्मजोशी प्रदर्शित करते हुए राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी का लार्नाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
यात्रा के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, मोदी की यात्रा ‘‘द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।’’
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में ‘‘उतार-चढ़ाव के बीच स्थिर’’ रहा है और अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के लिए यह 13.696 करोड़ अमेरीकी डॉलर था।
भाषा सुरभि