उत्तर प्रदेश पुलिस में नियुक्ति पाने वाले पुलिस कर्मियों के संघर्ष की हैं कई कहानियां
सलीम सुरभि
- 15 Jun 2025, 10:34 PM
- Updated: 10:34 PM
लखनऊ, 15 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस में रविवार को नियुक्ति पाने वाले 60 हजार से ज्यादा कर्मियों में से कई की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा हो सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रविवार को पुलिस भर्ती में चयनित 60 हजार 244 कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये।
फिरोजाबाद जिले के हरदासपुर गांव के एक किसान की बेटी रोशनी ने रविवार को बताया कि वह अपने परिवार में सरकारी नौकरी पाने वाली पहली महिला हैं।
नव चयनित पुलिस कांस्टेबलों की सूची में जगह बनाने वाली रोशनी ने कहा, ‘‘हमारे परिवार में किसी को भी कभी सरकारी नौकरी नहीं मिली। फॉर्म जमा करने से लेकर चयन तक एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ। पूरी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी।’’
इसी तरह, बांदा जिले के मरका गांव की प्रीति यादव ने अपने परिवार में पहली सरकारी नौकरी पाकर इतिहास रच दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने यह खबर बतायी तो घर में उत्सव जैसा माहौल था। पहले लोग कहते थे कि रिश्वत के बिना सरकारी नौकरी असंभव है लेकिन आज यह मिथक टूट गया है।’’
यादव ने भ्रष्टाचार मुक्त अवसर के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया।
नवनियुक्त 60,244 कांस्टेबलों में से 12 हजार से ज्यादा युवतियां शामिल हैं।
इस बीच, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने कहा, ‘‘यह केवल एक घटना नहीं बल्कि मील का पत्थर है। माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी और उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की गरिमामयी उपस्थिति में 60,244 नए कांस्टेबलों को आज उनके नियुक्ति पत्र मिले। खाकी के पास अब खड़े होने के लिए 60 हजार से ज्यादा नये कंधे हैं।’’
नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाली बरेली की लवी चौहान ने कहा, ‘‘हमें अपनी कड़ी मेहनत का फल मिला है। इस तरह की पारदर्शितापूर्ण भर्ती केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व के कारण ही संभव हो पायी है। प्रक्रिया के दौरान एक भी रुपये रिश्वत की मांग नहीं की गई।’’
बरेली की ही इजमा बी ने कहा, ‘‘पहली बार पूरी तरह से योग्यता के आधार पर नौकरियां दी गई हैं।’’
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस विभाग में इतने बड़े पैमाने पर नियुक्ति पत्रों का वितरण हुआ है। यह सिर्फ रोजगार के बारे में नहीं है। यह सशक्तिकरण, शिक्षा और सम्मान की दिशा में एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है।
भाषा सलीम