पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का पुराना पुल ढहा; चार लोगों की मौत, 18 घायल
अमित नरेश
- 15 Jun 2025, 10:28 PM
- Updated: 10:28 PM
(तस्वीरों के साथ)
पुणे, 15 जून (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुराना पुल रविवार अपराह्न ढह जाने से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये। यह पुल पैदल यात्रियों के लिए था। यह जानकारी एक मंत्री ने दी।
मंत्री ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह घटना पर्यटकों की भीड़ के कारण हुई, जिन्होंने वहां पर लगे चेतावनी बोर्ड को नजरअंदाज कर दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम घटनास्थल पर बचाव अभियान संचालित कर रही है ताकि ढांचे के हिस्सों को हटाया जा सके और उसमें फंसे हुए एक व्यक्ति का पता लगाया जा सके।
तलेगांव दाभाडे पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप रायनवार ने कहा, ‘‘पुल के ढहे हिस्से के नीचे से दो शव बरामद किए गए हैं, जबकि बचाए जाने के बाद इलाज के दौरान दो लोगों ने दम तोड़ दिया।’’
उन्होंने कहा कि ढहे हुए पुल के हिस्से के नीचे एक व्यक्ति के फंसे होने की आशंका है तथा बचाव कार्य जारी है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह घटना अपराह्न 3:30 बजे कुंदमाला इलाके में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी का बहाव तेज हो गया है। उन्होंने बताया कि जब पुल ढहा, तब बारिश नहीं हो रही थी और पिकनिक मनाने वाले कम से कम 100 लोग वहां मौजूद थे।
जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘इस दुर्घटना में अब तक 38 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और उनका तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात की और पुल के ढहने के बाद जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली। शाह ने कहा कि आस-पास तैनात टीम तुरंत बचाव अभियान में शामिल हो गईं।
शाह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पुणे के तलेगांव में इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने की घटना से बहुत दुखी हूं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस से बात की और जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली। निकट में तैनात एनडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं, बचाव अभियान में शामिल हुईं और उल्लेखनीय तत्परता से कई लोगों की जान बचाई।’’
पुणे जिला अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ अग्निशमन विभाग, पुलिस और स्थानीय बचाव संगठनों के कर्मी बचाव और राहत कार्यों में लगे हुए हैं।
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन घटनास्थल पर बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पर्यटकों के वजन के कारण पुल ढह गया।
महाजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुल केवल पैदल यात्रियों के लिए था और वहां एक चेतावनी बोर्ड लगा था, जिसमें कहा गया था कि इसका इस्तेमाल दोपहिया वाहनों के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसा लगता है कि पुल पर मौजूद लोगों ने इन निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण यह घटना हुई।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
बारिश के बीच भीड़ होने के बावजूद घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि मानसून के दौरान खतरनाक स्थानों के बारे में लगातार चेतावनी दिए जाने के बावजूद लोग वहां जाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे ऐसी जगहों पर जाकर अपनी जान जोखिम में न डालें।’’
बचाव और राहत प्रयासों के बारे में महाजन ने कहा कि पुल के ढहे हुए हिस्से को हटाने के लिए क्रेन लगायी गई हैं, जबकि इस ढहे हुए हिस्से के नीचे फंसे कुछ लोगों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि घटनास्थल पर युद्धस्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पुणे जिले के तलेगांव के पास इंदौरी में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ।"
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि लोहे के पुल में जंग लग गया था और पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि पुल पर कई लोग खड़े थे, जिसकी वजह से यह ढह गया। उन्होंने कहा कि नदी पर एक नया पुल बनाने की योजना को मंजूरी दे दी गई थी।
कांग्रेस ने रविवार को पुणे की मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के ढहने से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि जवाबदेही तय होना जरूरी है।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हर एक जान जो इस टाली जा सकने वाली दुर्घटना में गई, लापरवाही की कीमत की पीड़ादायक याद दिलाती है।
खेड़ा ने कहा, ‘‘इस गहरे शोक के क्षण में, हम राहत कार्यों में जुटी टीम के साहस और निस्वार्थ सेवा के लिए हृदय से आभार प्रकट करते हैं। शोक की इस घड़ी में जवाबदेही तय होना जरूरी है। लेकिन आज, हम सबसे पहले उन लोगों के साथ खड़े हैं जो अपनों को खोने के गहरे दुख में डूबे हैं और उन सभी के साहस को नमन करते हैं जो अब भी तलाश कर रहे हैं और अब भी उम्मीद से डटे हुए हैं।’’
भाषा अमित