इजराइल और ईरान ने तीसरे दिन भी हमले किये, परमाणु वार्ता रद्द
एपी शफीक दिलीप
- 15 Jun 2025, 10:02 PM
- Updated: 10:02 PM
दुबई, 15 जून (एपी) इजराइल ने रविवार को तीसरे दिन भी ईरान में हवाई हमले किए और इससे भी अधिक जोरदार हमले की धमकी दी। वहीं, ईरान ने भी इजराइल पर मिसाइलें दागना जारी रखा, जिसमें से कुछ (मिसाइलें) इजराइली वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देकर देश के मध्य इलाके में इमारतों पर गिरीं।
इस बीच, ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में होने वाली परमाणु वार्ता रद्द कर दी गई।
शुक्रवार को इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर अचानक की गई बमबारी में कई शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने के बाद क्षेत्र में एक लंबे संघर्ष की आशंका पैदा हो गई है।
ईरान ने कहा कि इजराइल ने उसकी दो तेल रिफाइनरी पर हमला किया है।
ईरान की राजधानी तेहरान में अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे विस्फोट हुए। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड से जुड़ी अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि एक हमला वली-ए-असर इलाके में हुआ और दूसरा हमला अन्य शहर में हुआ।
दूसरी तरफ, शाम चार बजे के आसपास फिर से पूरे इजराइल में सायरन बजने लगे, जिससे चेतावनी मिली कि लड़ाई शुरू होने के बाद से ईरान का यह पहला दिन का हमला होगा। हालांकि, हमले में किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को कहा कि अगर उनके देश पर इजराइल के हमले बंद हो जाएं, तो उनके देश की जवाबी कार्रवाई भी रुक जाएगी।
अराघची ने तेहरान में राजनयिकों के समक्ष यह टिप्पणी की। शुक्रवार को इजराइली हमले शुरू होने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आक्रमण बंद हो जाते हैं, तो हमारी जवाबी कार्रवाई भी बंद हो जाएगी।’’
इस बीच, इजराइली सेना ने रविवार को ईरानियों को ‘‘सैन्य हथियार उत्पादन कारखानों’’ को तत्काल खाली करने की चेतावनी दी, जिसके बाद नए हमलों की आशंका बढ़ गई है।
सैन्य प्रवक्ता कर्नल अविचे अद्राई ने ‘एक्स’ पर ईरान को फारसी भाषा में चेतावनी जारी की। उनकी यह चेतावनी ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इजराइल अपने हमले बंद कर दे, तो तेहरान भी इजराइल पर अपने हमले बंद कर देगा।
इजराइल ने कथित तौर पर एक गैस प्रतिष्ठान को निशाना बनाया, जिससे ईरान के प्रतिबंधित ऊर्जा उद्योग पर व्यापक हमले की संभावना बढ़ गई है और इसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल की कार्रवाई के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी है कि वह नए परमाणु समझौते पर सहमत होकर ही और तबाही से बच सकता है।
रविवार को तेहरान तथा देश के अन्य हिस्सों से भी नए विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं, लेकिन ईरान ने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि कितने लोग हताहत हुए हैं। वहीं, इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने एक दिन पहले कहा था कि 78 लोग मारे गए हैं तथा 320 से अधिक घायल हुए हैं।
इजराइल ने कहा कि उसके देश में 14 लोग मारे गए हैं और 390 घायल हुए हैं। इजराइली आंकड़ों के अनुसार, ईरान ने 270 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से 22 हवाई रक्षा प्रणाली को भेदकर हमला करने में सफल रहीं। इजराइल का मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और हवाई क्षेत्र तीसरे दिन भी बंद रहा।
रविवार सुबह इजराइल ने ईरान के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाते हुए हमला किया। साथ ही उसने हवाई सुरक्षा, सैन्य ठिकानों और उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थलों को भी निशाना बनाया। इजराइल के लक्षित हमलों में कई शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या से संकेत मिलते हैं कि इजराइली खुफिया एजेंसियों ने ईरान में काफी अंदर तक घुसपैठ कर ली है।
इजराइल में, तेल अवीव के पास बैट याम में एक इमारत पर मिसाइल गिरने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय पुलिस कमांडर डैनियल हदाद ने बताया कि 180 लोग घायल हुए हैं और सात अब भी लापता हैं।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ के एक रिपोर्टर ने सड़कों पर क्षतिग्रस्त और नष्ट हो चुकी इमारतों, बम से नष्ट हो चुकी कारों और कांच के टुकड़ों को देखा।
उत्तरी इजराइल के तमरा में एक इमारत पर मिसाइल गिरने से 13 वर्षीय एक लड़के सहित चार लोग मारे गए और 24 घायल हो गए। अन्य शहर रेहोवोट पर हुए हमले में 42 लोग घायल हो गए।
दुनियाभर के नेताओं ने तनाव कम करने और व्यापक युद्ध से बचने का तत्काल आह्वान किया है।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि परमाणु स्थलों पर हमले ने एक ‘‘खतरनाक मिसाल कायम की है।’’
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस तरह की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि इजराइल के अब तक के हमले ‘‘आने वाले दिनों में हमारी सेना द्वारा किये जाने वाले हमलों की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।’’
पश्चिम एशिया में एकमात्र परमाणु हथियार संपन्न देश माने जाने वाले इजराइल ने कहा कि उसने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए यह हमला किया है। वहीं, ईरान ने हमेशा कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
अमेरिका तथा अन्य देशों का आकलन है कि ईरान ने 2003 के बाद से कोई हथियार विकसित नहीं किया है। ऐसा माना जाता है कि उसने हाल के वर्षों में यूरेनियम के बड़े भंडार को इस स्तर तक संवर्धित किया है कि अगर वह चाहे, तो कुछ ही महीनों में कई हथियार विकसित कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने पिछले हफ्ते ईरान की परमाणु हथियार नहीं विकसित करने संबंधी दायित्वों का पालन नहीं करने के लिए निंदा की थी।
ईरान की अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि एक इजराइली ड्रोन ने ईरानी प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण संयंत्र पर हमला किया, जिसके बाद ‘‘एक जोरदार विस्फोट’’ हुआ, जो ईरान के तेल और प्राकृतिक गैस ठिकाने पर पहला इजराइली हमला है। इजराइल की सेना ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि ‘साउथ पार्स’ प्राकृतिक गैस क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है। ऐसी जगहों के चारों ओर हवाई रक्षा प्रणालियां होती हैं, जिन्हें इजराइल निशाना बनाता रहा है।
इस बीच, खाड़ी देश ओमान ने कहा कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान और अमेरिका के बीच रविवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता को रद्द कर दिया गया है। ओमान, तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष वार्ताओं की मध्यस्थता कर रहा है।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, “हम वार्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद करते हैं कि ईरान जल्द ही बातचीत की मेज पर आएगा।”
ईरान के शीर्ष राजनयिक अब्बास अराघची ने शनिवार को कहा कि इजराइल के हमलों के बाद परमाणु वार्ता का कोई मतलब नहीं है, और उन्होंने इन हमलों को “वॉशिंगटन के सीधे समर्थन का परिणाम” बताया।
ट्रंप ने रविवार सुबह अपने ‘ट्रुथ सोशल’ अकाउंट पर एक पोस्ट में दोहराया कि ईरान पर हमलों में अमेरिका शामिल नहीं है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका के खिलाफ की गई किसी भी कार्रवाई के परिणामस्वरूप अमेरिका की ऐसी प्रतिक्रिया मिलेगी, जो ‘पहले कभी नहीं देखी गई।’
उन्होंने लिखा, ‘‘हालांकि, हम आसानी से ईरान और इजराइल के बीच समझौता करा सकते हैं और इस खूनी संघर्ष को समाप्त कर सकते हैं।’’
वहीं, ईरान में एपी द्वारा विश्लेषित उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि नतांज में ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन केन्द्र को भारी क्षति पहुंची है। ‘प्लैनेट लैब्स पीबीसी’ द्वारा शनिवार को ली गई तस्वीरों में कई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट दिखाई दे रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र परमाणु प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि नतांज का ऊपरी हिस्सा नष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि भूमिगत हिस्से को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन बिजली गुल होने से वहां बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच सकता है।
इजराइल ने इस्फहान में एक परमाणु अनुसंधान केन्द्र पर भी हमला किया। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि चार ‘महत्वपूर्ण इमारतें’ क्षतिग्रस्त हो गईं, जिनमें इसका यूरेनियम संवर्धन केन्द्र भी शामिल है।
एपी शफीक