बेंगलुरु भगदड़ : भाजपा 17 जून को विरोध प्रदर्शन करेगी
धीरज नरेश
- 15 Jun 2025, 05:51 PM
- Updated: 05:51 PM
बेंगलुरु, 15 जून (भाषा) कर्नाटक की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि वह हाल में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के मामले को लेकर 17 जून को बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन करेगी और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के इस्तीफे की मांग करेगी।
भाजपा ने आरोप लगाया कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ के लिए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।
यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) को मिली जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले में चर्चा के लिए मुख्यमंत्री को विधानमंडल का अपात सत्र आहूत करना चाहिए।
इस महीने की चार तारीख को यह घटना तब हुई जब लगभग 2.5 लाख प्रशंसक अपने पसंदीदा सितारों की एक झलक पाने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम और उसके आसपास एकत्र हो गए, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे।
महालक्ष्मी लेआउट से विधायक और पूर्व मंत्री के गोपालैया ने कहा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य के सभी विधायक, विधान परिषद सदस्य, जिला अध्यक्ष, पदाधिकारी और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
गोपालैया ने कहा कि भगदड़ त्रासदी कर्नाटक के इतिहास में एक काला धब्बा है।
भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार ने खिलाड़ियों के सम्मान में दो कार्यक्रम आयोजित किए थे। हालांकि, पुलिस विभाग ने मुख्यमंत्री को इन कार्यक्रमों को आयोजित न करने के लिए लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम आयोजित किया।’’
उन्होंने जातिगत गणना नए सिरे से कराने के राज्य सरकार के फैसले पर कहा कि हालांकि वह इसका स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार भगदड़ से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
गोपालैया ने यह मांग की कि सरकार को पिछले जातिगत सर्वेक्षण पर खर्च किए गए करदाताओं के पैसे का ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए।
इस बीच, कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक आर अशोक ने रविवार को राज्य सरकार से भगदड़ की घटना पर चर्चा के लिए विधानमंडल का आपातकालीन सत्र बुलाने का आग्रह किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे पत्र को मीडिया के साथ साझा किया। अशोक ने रेखांकित किया कि इस घटना ने सार्वजनिक सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण तथा खेल एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के बारे में गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘इस त्रासदी ने जनता में चिंता पैदा कर दी है। प्रशासन की चूक, घटना के बाद सरकार की कार्रवाई और प्रभावशाली व्यक्तियों को बचाने के प्रयासों ने व्यापक संदेह को जन्म दिया है।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सच्चाई छिपाने के लिए तीन अलग-अलग जांच की जा रही हैं और असहाय अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया तथा तीन दिवसीय आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की।
भाषा धीरज