प्रशांत किशोर ने राहुल को आंबेडकर के अपमान को लेकर लालू की आलोचना करने की चुनौती दी
संतोष नरेश
- 15 Jun 2025, 05:04 PM
- Updated: 05:04 PM
मुजफ्फरपुर (बिहार), 15 जून (भाषा) पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को दावा किया कि बिहार में कांग्रेस ने खुद को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का पिछलग्गू बना लिया है। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह लालू प्रसाद यादव द्वारा अपने पैरों के पास आंबेडकर की प्रतिमा रखने के लिए उनकी (लालू) आलोचना करके दिखाएं।
किशोर की नयी पार्टी ‘जन सुराज पार्टी’ आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उतरना चाहती है। किशोर ने मुजफ्फरपुर जिले में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए किशोर ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने बिहार में खुद को राजद के पिछलग्गू के रूप में सीमित कर लिया है। पहले राज्य कांग्रेस लालू प्रसाद की आभारी थी, अब तेजस्वी यादव (लालू के छोटे बेटे और उनके संभावित उत्तराधिकारी) की बारी है।’’
किशोर (47 वर्ष) ने कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी से कहता हूं कि मुझे गलत साबित करने के लिए एक छोटा सा काम करें। वे अपने पैरों के पास आंबेडकर की तस्वीर रखने के लिए लालू प्रसाद की आलोचना करते हुए केवल एक बयान जारी करके दिखाएं।’’
किशोर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि ’’उन्होंने कांग्रेस शासित तेलंगाना के मुख्यमंत्री पर कभी हमला नहीं किया जिन्होंने बिहार के लोगों का मजाक उड़ाया था और कहा था कि छोटे-मोटे काम (मजदूरी) करना उनके डीएनए में है।’’
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने हाल ही में मुजफ्फरपुर की रहने वाली एक नाबालिग दलित लड़की की मौत पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पांडे के इस्तीफे की भी मांग की। पीड़िता की क्रूरतापूर्वक यौन उत्पीड़न किये जाने के कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी।
किशोर ने वरिष्ठ मंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी पर भी निशाना साधा । चौधरी ने उनके खिलाफ उस आरोप के लिए मुकदमा दायर करवाया हुआ है जिसमें कहा गया है कि उनकी (चौधरी की) बेटी शांभवी, जो समस्तीपुर से सांसद हैं, को पैसे के लेन-देन के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से टिकट मिला है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने आरोप लगात हुए कहा, ‘‘अशोक चौधरी और उनकी बेटी को बिहार के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने दलितों के लिए क्या किया है। उन्होंने हमेशा अपनी दलित पहचान का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया है।’’
भाषा संतोष