अहमदाबाद विमान हादसा नवी मुंबई हवाईअड्डे के लिए आंखें खोलने वाला है: गैर सरकारी संगठन
राजकुमार प्रशांत
- 15 Jun 2025, 03:58 PM
- Updated: 03:58 PM
मुंबई, 15 जून (भाषा) एक सामाजिक संगठन का कहना है कि अहमदाबाद में हुई एअर इंडिया विमान दुर्घटना ने नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएमआईए) के पास मांस की "अवैध" दुकानों पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। अगस्त से एनएमआईए से विमानों का परिचालन शुरू होने की संभावना है।
उसने दावा किया कि नागर विमानन निदेशालय ने इन दुकानों को बंद कराने का परामर्श जारी किया था, उसके बाद भी ये दुकानें चल रही हैं।
दो घरेलू विमानन कंपनियां - इंडिगो और अक्सा एयर - पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वे नवी मुंबई के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के चालू हो जाने के बाद अपने परिचालन का कुछ हिस्सा वहां स्थानांतरित कर देंगी।
एनएमआईएएल नामक एक विशेष उपक्रम नवी मुंबई हवाईअड्डे का विकास कर रहा है। यह एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें ‘अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल)’ की 74 प्रतिशत और ‘सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ महाराष्ट्र (सिडको)’ की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रनवे के महज तीन किलोमीटर के दायरे में उल्वे में बूचड़खाने और मांस की खुली बिक्री पर चिंता जताते रहे गैर सरकारी संगठन ‘नेटकनेक्ट’ ने फिर से इस मुद्दे को उठाया है।
‘नेटकनेक्ट’ के निदेशक बी.एन. कुमार ने एक बयान में कहा कि डीजीसीए से अनुरोध किया गया है कि वह स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाए, क्योंकि इस बूचड़खाने से चील जैसे बड़े पक्षी आकर्षित होते हैं, जो विमान परिचालन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
चालक दल के 12 सदस्यों समेत 242 लोगों को ले जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघानी नगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें विमान में सवार 241 लोगों समेत 270 लोगों की मौत हो गई।
दुर्घटना की जांच अभी जारी है, लेकिन पक्षी के टकराने को भी दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक माना जा रहा है।
कुमार ने कहा कि पहले की शिकायत पर विमानन सुरक्षा नियामक ने कहा था कि ‘‘एयरोड्रोम संचालक को पक्षियों को आकर्षित करने वाले बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन पशुओं के अवैध कटान और ‘मटन’ एवं ‘चिकन’ की खुली बिक्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
भाषा राजकुमार