केन्या में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले पांच केरलवासियों के शव लाए गए
राखी राजकुमार
- 15 Jun 2025, 02:40 PM
- Updated: 02:40 PM
कोच्चि, 15 जून (भाषा) केन्या में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले केरल के पांच लोगों के शव रविवार को राज्य में लाए गए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार पांचों शव कतर से एक विमान से नेदुंबास्सेरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाये गये । उनमें डेढ़ साल और सात साल के दो बच्चों के भी शव हैं।
पांचों लोग छुट्टियां मनाने के लिए केन्या गए थे, जहां न्यांडारुआ काउंटी में यह दुर्घटना हुई।
उद्योग मंत्री पी. राजीव, संबंधित अधिकारी और मृतकों के परिजन शवों को लेने के लिए हवाई अड्डे पहुंचे।
मंत्री ने शवों पर पुष्पांजलि अर्पित कर राज्य सरकार की ओर से श्रद्धांजलि दी।
सूत्रों के अनुसार, परिवार के अनुरोध पर शवों को सार्वजनिक दर्शनार्थ हवाई अड्डे पर नहीं रखा गया और सीधे उनके संबंधित स्थानों पर ले जाया गया।
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में राजीव ने कहा कि कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा, जबकि बाकी का मंगलवार को किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बेहद दुखद दुर्घटना थी। छुट्टियां मनाने केन्या गए ये लोग इस हादसे का शिकार हो गए। सरकार ने बिना देरी के शवों को स्वदेश लाने में हर तरह का सहयोग किया।’’
राजीव ने बताया कि पीले बुखार के टीकाकरण प्रमाणपत्र को लेकर समस्या आई थी, लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के हस्तक्षेप से यह शर्त माफ कर दी गई।
मंत्री ने कहा कि संबंधित परिवारों को प्रोटोकॉल के मुताबिक अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए सामान्य दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने तीन घायल व्यक्तियों से मुलाकात की है और उन्हें जल्द अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले लोग मूवत्तुपुझा, मावेलिक्करा और पलक्कड़ के रहने वाले थे।
प्रवासी केरलवासी मामलों के विभाग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री विजयन के त्वरित हस्तक्षेप से केंद्र सरकार से पीले बुखार टीकाकरण प्रमाणपत्र की विशेष छूट मिल पाई।
दरअसल, शवों को कतर होते हुए भारत लाने वाली उड़ान के रवाना होने से कुछ घंटे पहले ट्रैवल एजेंसी ने बताया कि पीले बुखार का टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य है, जिससे शवों की वापसी में देरी की आशंका पैदा हो गई थी।
लेकिन मुख्यमंत्री विजयन ने इस मामले में केंद्र से संपर्क किया, जिसके बाद विशेष परिस्थितियों को देखते हुए प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को माफ कर दिया गया।
विजयन ने बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर मृतकों के शवों को शीघ्र सम्मानपूर्वक भारत लाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने विदेश मंत्रालय से भारतीय उच्चायोग (केन्या) को कानूनी औपचारिकताओं, दस्तावेज़ीकरण और परिवहन में सहायता प्रदान करने का निर्देश देने की अपील की थी।
भाषा राखी