झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में मिल रही बड़ी सफलता: मुख्यमंत्री सोरेन
जितेंद्र धीरज
- 14 Jun 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
(तस्वीरों के साथ)
रांची, 14 जनवरी (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा कि राज्य और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें महत्वपूर्ण सफलताएं मिल रही है।
सोरेन और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शनिवार सुबह ओडिशा-झारखंड सीमा पर नक्सल रोधी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट में जान गंवाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 134वीं बटालियन के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) सत्यभान कुमार सिंह (34) के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
रांची में सीआरपीएफ की 133 बटालियन के मुख्यालय में दिवंगत जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
सोरेन ने पत्रकारों से कहा, “यह घटना बेहद दुखद है। हम इस दुख की घड़ी में जवान के परिवार के साथ हैं।”
उन्होंने कहा, “पिछले कई वर्षों से झारखंड और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाए गए हैं और महत्वपूर्ण सफलताएं भी मिली हैं।”
गंगवार ने भी घटना पर दुख जताया और इसे दर्दनाक बताया।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तक देश में नक्सलवाद को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए बल सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले सीआरपीएफ अधिकारी उस टीम का हिस्सा थे, जो 27 मई को पत्थर की खदान से नक्सलियों द्वारा लूटे गए विस्फोटकों की तलाश में अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित सारंडा वन में तलाश अभियान चला रही थी।
पुलिस के मुताबिक, ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के बलांग गांव के पास सुबह करीब छह बजे एक आईईडी में विस्फोट होने से सिंह के बाएं पैर में चोट लग गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह को राउरकेला के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सीआरपीएफ और ओडिशा पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) की संयुक्त टीम द्वारा तलाश अभियान चलाया जा रहा था।
सुंदरगढ़ के बांको में पत्थर की एक खदान से माओवादियों ने करीब पांच टन विस्फोटक लूट लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक तीन-चौथाई विस्फोटक बरामद कर लिया गया है, लेकिन सुरक्षा बल शेष जिलेटिन पैकेट की तलाश कर रहे हैं।
भाषा जितेंद्र