मनोहर लाल ने फतेहाबाद परमाणु ऊर्जा परियोजना की प्रगति की समीक्षा की
अनुराग पाण्डेय
- 14 Jun 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
(फाइल फोटो के साथ)
चंडीगढ़, 14 जून (भाषा) केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को हरियाणा के फतेहाबाद जिले में परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत एनपीसीआईएल द्वारा क्रियान्वित की जा रही परमाणु विद्युत परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) का दौरा किया और उत्तर भारत के पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र की प्रगति की समीक्षा की। पूरा होने पर उत्पादित बिजली का 50 प्रतिशत हरियाणा को आवंटित किया जाएगा।
खट्टर ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के प्रयासों की सराहना की और देश के भविष्य के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और विश्वसनीय ऊर्जा प्राप्त करने में परमाणु ऊर्जा के महत्व को दोहराया।
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।
इस परियोजना में 700 मेगावाट क्षमता के चार पीएचडब्ल्यूआर ‘प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर) स्थापित करना शामिल है, जिसकी कुल परियोजना लागत 41,594 करोड़ रुपये है।
वाणिज्यिक परिचालन मार्च 2031 तक शुरू होने की उम्मीद है।
मनोहर लाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल हरियाणा और उत्तर भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा समाधानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी।”
मंत्री ने कहा कि जीएचएवीपी जैसी परियोजनाएं भारत को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
उन्होंने कहा, “यह परियोजना भारत को परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।”
बाद में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूनिट एक और दो के अब 2031 तक चालू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “साल 2031 तक दो बिजली इकाइयां चालू हो जाएंगी और 2032 में दो और बिजली संयंत्र चालू हो जाएंगे। ये चार इकाइयां 2,800 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगी, जिसमें से हरियाणा को 50 प्रतिशत बिजली मिलेगी और 50 प्रतिशत केंद्रीय पूल में जाएगी ताकि इसका इस्तेमाल जहां भी जरूरत हो, किया जा सके।”
मनोहर लाल ने कहा, “जनवरी, 2014 में परियोजना को मंजूरी दे दी गई थी। आमतौर पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 13 से 13.5 साल का समय दिया जाता है, लेकिन मुझे बताया गया कि देरी के कुछ कारण हैं, जिनमें तकनीकी और प्रशासनिक कारण शामिल हैं।”
हाल ही में दिए गए उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर कि सरकार एयर कंडीशनर (एसी) के तापमान को 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच मानकीकृत करने के लिए एक रूपरेखा पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि इस कदम से उपभोक्ताओं को लाभ होगा और इससे बिजली की बचत होगी।
पिछले साल बिजली की अधिकतम मांग 250 गीगावाट थी और 13 जून तक यह 242 गीगावाट तक पहुंच गई है।
इस बीच, मनोहर लाल को एनपीसीआईएल की कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहलों के बारे में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि एनपीसीआईएल द्वारा सड़कों और स्कूलों के निर्माण, मेडिकल वैन की व्यवस्था और एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान के विकास जैसी सामुदायिक विकास गतिविधियों पर लगभग 80 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
भाषा अनुराग