इजराइल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों पर हमला किया, बदले में ईरान ने दागे ड्रोन
शोभना मनीषा नरेश
- 13 Jun 2025, 01:11 PM
- Updated: 01:11 PM
दुबई, 13 जून (एपी) इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए शुक्रवार को सुबह देश की राजधानी पर हमले किए जिनमें कम से कम दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। इन हमलों से पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधी मुल्कों के बीच व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
इसे 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
यह हमला ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर पैदा तनाव के मध्य हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हमले के बाद कहा कि इजराइल को "कड़ी सजा" दी जाएगी।
इजराइल की सेना ने कहा है कि ईरान उस पर किए गए हमलों के जवाब में इजराइल पर ड्रोन दाग रहा है।
इजराइल के मुख्य सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ घंटों में ईरान ने इजराइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन दागे हैं। सभी रक्षा प्रणालियां हमलों को रोकने के लिए काम कर रही हैं।’’
डेफ्रिन ने कहा कि लगभग 200 इजराइली लड़ाकू विमान अभियान में शामिल थे और लगभग 100 लक्ष्यों पर हमला किया गया तथा हमले अब भी जारी हैं।
ईरान भर में कई स्थानों हमला किया गया जिसमें ईरान का मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र भी शामिल है। हमले के बाद वहां से काला धुआं उठता देखा गया।
इजराइल के हमले में ईरान के अर्द्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। देश के सरकारी टेलीविजन ने अपनी खबर में यह जानकारी दी।
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने अपनी एक खबर में यह भी बताया कि इजराइली हवाई हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी भी मारे गए। माना जा रहा है कि इन हमलों में शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कहा कि इन हमलों में उसका कोई हाथ नहीं है। साथ ही उसने अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना बनाकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई किए जाने के प्रति चेतावनी दी है।
ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका को संदेह हो गया था कि हमला हो सकता है क्योंकि बुधवार को वाशिंगटन ने इराक की राजधानी से कुछ अमेरिकी राजनयिकों को वापस बुला लिया था तथा पश्चिम एशिया से अमेरिकी सैनिकों के परिवारों के लिए स्वैच्छिक निकासी की पेशकश की थी।
इजराइली नेताओं ने इस हमले को राष्ट्र के अस्तित्व की लड़ाई बताया और कहा कि इस बात का खतरा था कि ईरान परमाणु बम बना सकता है और इस आसन्न खतरे को रोकने के लिए यह हमला आवश्यक था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान इस लक्ष्य को प्राप्त करने के कितने करीब है या क्या ईरान वास्तव में निकट भविष्य में हमला करने की योजना बना रहा था।
इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के उद्देश्य से ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ प्रारंभ करने की घोषणा की। साथ ही इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को दावा किया कि नतांज स्थित ईरान के मुख्य संवर्धन केंद्र सहित अन्य ठिकानों पर हमला किया गया है।
नेतन्याहू ने शुक्रवार सुबह एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ कुछ ही समय पहले इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया है जो इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने के वास्ते एक लक्षित सैन्य अभियान है। खतरे के समाप्त होने तक यह अभियान जारी रहेगा।’’
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए। जैसे संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने का कदम, और अगर इसे नहीं रोका गया तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है। यह एक साल में हो सकता है, यह कुछ महीनों में हो सकता है, या एक साल से भी कम समय में हो सकता है। यह इजराइल के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट खतरा है।’’
नेतन्याहू ने कहा कि ईरान में परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसके बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को भी निशाना बनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने पुष्टि की है कि इजराइली हमले में ईरान के नतांज स्थित यूरेनियम संवर्धन केंद्र को निशाना बनाया गया और कहा कि वह विकिरण के स्तर पर बारीकी से नजर रख रही है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इजराइली विमान ईरानी हवाई क्षेत्र में घुसे या उन्होंने ईरान पर केवल ‘‘स्टैंडऑफ मिसाइल’’ दागीं। हमले के समय इराक में लोगों ने लड़ाकू विमानों की आवाज़ सुनी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि हमला आसन्न है, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि ‘‘ यह हो भी सकता है।’’ जैसे ही हमले शुरू हुए, यरुशलम में अमेरिकी दूतावास ने अलर्ट जारी कर अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को अगले आदेश तक सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजराइल ने ‘‘ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई’’ की है और इजराइल ने अमेरिका से कहा है कि ये हमले उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थे।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में रुबियो ने कहा, ‘‘हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है।’’
हमले के बाद इजराइल के मुख्य हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया और बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत में लगभग आठ फीसदी की वृद्धि हुई। ईरान और इजराइल दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं।
वहीं इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि हमलों के बाद, ‘‘इजराइल और उसकी नागरिक आबादी पर मिसाइल और ड्रोन हमले होने की आशंका है।’’
जब तेहरान में विस्फोट शुरू हुए तब ट्रंप व्हाइट हाउस के लॉन में संसद के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे थे। यह स्पष्ट नहीं था कि उन्हें इस बारे में बताया गया था या नहीं लेकिन राष्ट्रपति कई मिनट तक सांसदों से हाथ मिलाते रहे और तस्वीरें खिंचवाते रहे।
ट्रंप ने पूर्व में कहा था कि उन्होंने नेतन्याहू से आग्रह किया था कि जब तक प्रशासन ईरान के साथ परमाणु वार्ता कर रहा है, तब तक वह कोई भी कार्रवाई न करें।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ ने 20 साल में पहली बार ईरान की बृहस्पतिवार को निंदा की क्योंकि वह निरीक्षकों के साथ मिलकर काम नहीं कर रहा है।
ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में प्रस्तावित से कुछ दिन पहले ये हमले हुए हैं। इस रविवार को ओमान में ईरान और अमेरिका के बीच तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर छठे दौर की वार्ता की योजना बनाई गई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया प्रशासन प्रतिबंधों में राहत के बदले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने वाले समझौते की मांग कर रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों से वार्ता की योजनाओं पर क्या असर पड़ेगा।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के लिए इजराइल के राजदूत ने विश्व निकाय से इजराइल के साथ खड़े होने का आग्रह किया है।
संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि इजराइल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल बुनियादी ढांचे के खिलाफ ऑपरेशन "राइजिंग लायन" शुरू किया है, जिसका उद्देश्य इजराइल के नागरिकों और पूरी दुनिया के अस्तित्व पर मंडराते और तात्कालिक खतरे को खत्म करना है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के सदस्यों से बात करते हुए डैनन ने कहा, ‘‘यह नैतिक निर्णय लेने का समय है। इजराइल के साथ खड़े हों अन्यथा आप ख़तरनाक चुप्पी में साझेदार माने जाएंगे।’’
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने शुक्रवार को इजराइली हमलों की निंदा की।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि वह इजरायल और ईरान के बीच ‘तनाव बढ़ने से चिंतित’ हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा होने का खतरा है।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने कहा कि हमले उनकी सरकार के लिए ‘बड़ी चिंता’ का विषय हैं और पश्चिम एशिया के लिए ‘‘संभावित रूप से विनाशकारी’’ हैं।
भाषा शोभना मनीषा