केरल : नीलांबुर उपचुनाव में यूडीएफ को जमात-ए-इस्लामी के समर्थन पर विवाद बढ़ा
जितेंद्र अविनाश
- 11 Jun 2025, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
मलप्पुरम, 11 जून (भाषा) केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को जमात-ए-इस्लामी के समर्थन को लेकर राज्य में सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इस मुद्दे पर 10 जून को तीखी बहस के बाद बुधवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने पिछले गठबंधनों और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर एक-दूसरे पर कटाक्ष किए।
विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ कि क्या धर्मनिरपेक्ष दलों को जमात-ए-इस्लामी समर्थित वेलफेयर पार्टी और विवादित मौलवी अब्दुल नसर मदनी के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसे संगठनों का समर्थन स्वीकार करना चाहिए।
कांग्रेस और माकपा ने जमात-ए-इस्लामी के समर्थन के फैसले पर बचाव या उससे दूरी बनाने की कोशिश की, वहीं भाजपा ने दोनों दलों पर चुनावी लाभ के लिए राष्ट्रीय हितों से समझौता करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी ने 1996 से 2019 तक अपनी राजनीतिक शाखा ‘वेलफेयर पार्टी’ के माध्यम से वामपंथियों का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि 2019 में यूडीएफ की ओर बदलाव जमात के राष्ट्रीय निर्णय को दर्शाता है।
मुरलीधरन ने कहा, “जब वह (जमात-ए-इस्लामी) वामपंथियों का समर्थन करे तो प्रगतिशील और जब वह यूडीएफ का समर्थन करे तो उन्हें सांप्रदायिक कहना अनुचित है।”
उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता को स्वीकार करने में माकपा की ऐतिहासिक अनिच्छा का हवाला देते हुए भी कटाक्ष किया।
मुरलीधरन ने कहा कि यूडीएफ ने बिना किसी मुकदमे के मदनी की हिरासत का विरोध किया था और पीडीपी का वामपंथियों के साथ मौजूदा गठबंधन उनकी पसंद है।
भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और माकपा दोनों ही जमात-ए-इस्लामी व पीडीपी के साथ गठबंधन कर देश की सुरक्षा से समझौता कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि वे (कांग्रेस और माकपा) सत्ता हथियाने के लिए कितने बेताब हैं।”
भाजपा नेता ने जमात-ए-इस्लामी पर बार-बार राष्ट्र विरोधी बयान देने और मदनी के आतंकवाद से जुड़े होने का आरोप लगाया।
चंद्रशेखर ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, “यह अवसरवादी राजनीति खतरनाक है। यह विभाजनकारी ताकतों को औपचारिक भूमिका और केरल में सत्ता का प्रवेश द्वार दे रही है।”
माकपा की केरल इकाई के सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि वामपंथी पार्टी ने कभी भी जमात-ए-इस्लामी के साथ राजनीतिक गठबंधन नहीं किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समूह ने कभी-कभी किसी खास वामपंथी उम्मीदवार का समर्थन किया लेकिन कभी कोई औपचारिक गठबंधन नहीं किया गया।
गोविंदन ने कहा कि पीडीपी हाशिए पर खड़े लोगों का प्रतिनिधित्व करती है, जिसके लिए माकपा उसका साथ देती है।
उन्होंने मदनी को एक ‘दुर्लभ’ नेता बताया, जिन्होंने लंबे समय तक उत्पीड़न का सामना किया।
गोविंदन ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि ‘वेलफेयर पार्टी’ द्वारा यूडीएफ उम्मीदवार को दिया गया समर्थन राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में सांप्रदायिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष और विधायक सनी जोसेफ ने नीलांबुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में ‘वेलफेयर पार्टी’ के समर्थन को लेकर माकपा की आलोचना पर पलटवार किया था।
उन्होंने माकपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अपने साथ जुड़े हर समूह को ‘शुद्ध’ मानती है और दूसरों को ‘अशुद्ध’ करार देती है।
भाषा जितेंद्र