राजस्थान में बिजली वितरण ढांचा चरमराया: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
पृथ्वी जितेंद्र
- 08 Jun 2025, 09:05 PM
- Updated: 09:05 PM
जयपुर, आठ जुलाई (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिजली कटौती को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि बिजली वितरण का ढांचा चरमरा गया है।
वहीं राज्य के ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने गहलोत के बिजली कटौती के दावों को खारिज कर दिया।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर कुछ पंक्तियों के जरिए इस मुद्दे को उठाया, ‘‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान में सरकार बनने का एक वर्ष पूरा होने पर जोर शोर से प्रचार किया गया कि राजस्थान अब बिजली में ‘सरप्लस स्टेट’ हो गया है लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ने लगी गांव-शहर हर जगह बिजली कटौती शुरू हो गई।’’
कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘‘सरप्लस स्टेट’ में बिजली कटौती का सीधा अर्थ सरकार का कुप्रबंधन है। राजस्थान में बिजली वितरण का ढांचा चरमरा गया है जिससे आमजन त्रस्त हो गया है।’’
वहीं ऊर्जा राज्य मंत्री नागर ने पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह झूठे ‘ट्वीट’ करके लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
मंत्री ने एक बयान में दावा किया कि पिछली कांग्रेस सरकार के अदूरदर्शी निर्णर्यों से पिछली गर्मी में राज्य की जनता को परेशानी झेलनी पड़ी।
उन्होंने आरोप लगाया, “गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के कारण हमें पिछली गर्मी में लगभग 1000 मेगावाट बिजली रोजाना खरीदनी और लौटानी पड़ी। बिजली के कुप्रबंधन के साथ जिस तरह का तंत्र पिछली कांग्रेस सरकार ने हमें दिया वह किसी से छिपा नहीं है।”
नागर ने कहा कि इस बार की गर्मी में जनता को बिजली को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई लेकिन कुछ जगह पूर्व सूचना के साथ ही बिजली काटी गयी।
उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश प्रगति कर रहा है और इससे बिजली की मांग बढ़ रही है।
मंत्री ने कहा आने वाले समय में बढ़ती बिजली की मांग को ध्यान में रख कर प्रदेश सरकार कार्य कर रही है।
भाषा पृथ्वी