रोगियों के लिए दंत चिकित्सा देखभाल को बेहतर बनाने के तीन तरीके
देवेंद्र सुभाष
- 08 Jun 2025, 05:22 PM
- Updated: 05:22 PM
(इसाबेल ओलेगारियो और पॉल लेवी, आरसीएसआई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज द्वारा)
डबलिन, आठ जून (द कन्वरसेशन) कई लोगों के लिए, दंत चिकित्सक के पास जाना डरावना, चिंताजनक और असहज अनुभवों वाला होता है। लेकिन दंत चिकित्सा अब बदल रही है और यह कम कष्टदायी होती जा रही है।
आज, सुई-मुक्त और ड्रिल-मुक्त दृष्टिकोण दांतों की सड़न को अधिक आरामदायक तरीके से निपटाने में मदद कर रहे हैं, खासकर बच्चों, दर्द से परेशान रोगियों और विशेष स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत वाले लोगों के लिए। तीन सबसे आशाजनक तकनीकें हैं ‘सिल्वर डायमाइन फ्लोराइड’ (एसडीएफ), ‘एट्रॉमेटिक रिस्टोरेटिव ट्रीटमेंट’ (एआरटी) और ‘हॉल’ तकनीक।
कोविड-19 महामारी के दौरान, कई दंत चिकित्सा क्लीनिकों ने वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए गैर-एरोसोल-उत्पादक प्रक्रियाओं (जिनमें पानी का छिड़काव नहीं किया जाता) का इस्तेमाल किया। उस अवधि के दौरान एसडीएफ और एआरटी आवश्यक उपचार दृष्टिकोण बन गए और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है। ये तकनीक दंत चिकित्सा को अधिक स्वीकार्य बनाती हैं।
दांतों की सड़न दांतों में उपस्थित बैक्टीरिया के कारण होती है और ये ऐसे लोगों में होती है जो मीठा अधिक खाते हैं और अम्ल उत्पन्न करते हैं। इन लोगों में दांतों की उचित तरीके से ब्रश न करने पर दांतों की सतह धीरे-धीरे खराब हो जाती है।
पारंपरिक उपचार में आमतौर पर स्थानीय एनेस्थेटिक के इंजेक्शन द्वारा दांत को सुन्न करना और उसके बाद दांत के सड़े हुए हिस्से को बाहर निकालना शामिल होता है।
माता-पिता अक्सर यह जानकर आश्चर्यचकित होते हैं और राहत महसूस करते हैं कि उनके बच्चे के दांतों में कैविटी के लिए इंजेक्शन या ‘फिलिंग’ की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। कभी-कभी, खासकर स्वाभाविक रूप से गिरने वाले शिशु के दांतों में छोटी-छोटी कैविटी के लिए, सिर्फ निगरानी करना या एसडीएफ लगाना ही पर्याप्त हो सकता है।
साथ ही, यह मान्यता भी बढ़ रही है कि मरीज का भरोसा दीर्घकालिक मौखिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के लिए जरूरी है। जीवन के शुरुआती दौर में दांतों से जुड़ी कोई दर्दनाक घटना किसी व्यक्ति को सालों तक देखभाल लेने से रोक सकती है, जिससे आगे चलकर समस्याएं और भी बदतर हो सकती हैं।
मौलिक रूप से अलग दृष्टिकोण
सिल्वर डायमाइन फ्लोराइड एक बिल्कुल अलग तरीका है। यह एक साफ तरल पदार्थ है जिसे एक छोटे ब्रश का उपयोग करके सीधे कैविटी में लगाया जाता है। इसमें केवल कुछ सेकंड लगते हैं और इसके लिए किसी ड्रिलिंग, सुई या महंगे, जटिल उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
एआरटी में हाथ के उपकरणों का उपयोग करके नरम, सड़े हुए दांत के ऊतकों को निकालना शामिल है।
बच्चों के दांतों की सड़न को नियंत्रित करने के लिए एक और आसान तथा तेजी से लोकप्रिय विकल्प है ‘हॉल’ तकनीक।
पारंपरिक उपचारों के विपरीत, जिसमें ड्रिलिंग या सड़न को हटाना शामिल है, हॉल तकनीक सड़ चुके ऊतक को बाहर निकालने के बजाय उसे अंदर सील करके काम करती है।
माता-पिता अक्सर इस बात से हैरान हो जाते हैं कि बच्चे इस तरीके से कितनी अच्छी तरह निपटते हैं। वास्तव में, अध्ययनों से पता चलता है कि जिन बच्चों ने ‘हॉल’ तकनीक अपनाई है, उन्हें अक्सर कम असुविधा हुई है।
(द कन्वरसेशन)
देवेंद्र