उच्चतम न्यायालय ने 2016 के हत्या मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री को दी गई जमानत रद्द की
अमित सुरेश
- 07 Jun 2025, 12:27 AM
- Updated: 12:27 AM
नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता योगेश गौड़ा की हत्या से जुड़े 2016 के एक मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री विनय कुलकर्णी को दी गयी जमानत शुक्रवार को रद्द कर दी।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि रिकॉर्ड में पर्याप्त साक्ष्य हैं जो यह दर्शाते हैं कि कुलकर्णी द्वारा गवाहों से संपर्क करने या उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
पीठ ने कहा, ‘‘परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए, इस अदालत की यह सुविचारित राय है कि प्रतिवादी (कुलकर्णी) को दी गई जमानत रद्द की जानी चाहिए। परिणामस्वरूप, आरोपी संख्या 15, यानी प्रतिवादी को दी गई जमानत रद्द की जाती है।’’
शीर्ष अदालत ने साथ ही कुलकर्णी को शुक्रवार से एक सप्ताह के भीतर संबंधित निचली अदालत या जेल प्राधिकरण के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश कर्नाटक सरकार द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के माध्यम से दायर एक अपील पर पारित किया, जिसमें इस वर्ष अप्रैल में बेंगलुरु की एक निचली अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी।
निचली अदालत ने कुलकर्णी के मामले में इस तथ्य के मद्देनजर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था कि उन्हें शीर्ष अदालत के अगस्त 2021 के आदेश के अनुसार जमानत दी गई थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि दो आरोपियों ने कुछ गवाहों से अभियोजन पक्ष के खिलाफ गवाही देने के लिए अपने दोस्तों और परिचित व्यक्तियों के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया।
उच्चतम न्यायालय के समक्ष दलीलों के दौरान, सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने दलील दी कि आरोपी ने प्रभाव डालने की कोशिश की और अभियोजन पक्ष के गवाहों से संपर्क करने और उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया।
कुलकर्णी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने जमानत रद्द करने के अनुरोध का विरोध करते हुए दलील दी कि कुलकर्णी पर लगाई गई किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है और वह एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने कभी न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं किया।
सीबीआई ने गौड़ा की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए नवंबर 2020 में कुलकर्णी को गिरफ्तार किया था।
भाजपा जिला पंचायत सदस्य गौड़ा की जून 2016 में धारवाड़ जिले में उनके जिम में हत्या कर दी गई थी।
सितंबर 2019 में राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। कुलकर्णी ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। सीबीआई ने पहले इस मामले में कई आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए थे।
भाषा
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