परिवहन साधनों को इलेक्ट्रिक बनाने पर भारत की करीबी निगाह जरूरीः आईईए
प्रेम प्रेम अजय
- 02 Jun 2025, 10:07 PM
- Updated: 10:07 PM
(राजेश राय)
पेरिस, दो जून (भाषा) अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल ने सोमवार को कहा कि तेल आयात पर निर्भर भारत को अपना ऊर्जा भविष्य सुरक्षित करने के लिए परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर बहुत करीबी निगाह रखनी चाहिए।
इसके साथ ही बिरोल ने कहा कि दुनिया को महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े आपूर्ति व्यवधानों से बचने के लिए खनन और प्रसंस्करण में विविधता लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि तेल आयात करने वाले देशों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाली खेप को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों को प्रोत्साहन देने पर विचार करना चाहिए।
बिरोल ने यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत के मामले में मेरा मत है कि भारत को परिवहन क्षेत्र में बिजली से चलने वाले वाहनों पर बहुत बारीकी से विचार करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि भले ही इस समय तेल की कीमतें कम हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से कुछ प्रमुख तेल उत्पादकों की दया पर है।’’
उन्होंने कहा कि यदि भारत घरेलू तेल के मामले में बढ़त हासिल करना चाहता है तो इलेक्ट्रिक कारें प्रमुख समाधानों में से एक हैं।
बिरोल ने कहा कि भारत वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बदलाव के वाहकों में से एक है और इसने खासकर सौर क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है जो भारत की अर्थव्यवस्था एवं इसकी ऊर्जा सुरक्षा के लिए अच्छा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब इलेक्ट्रिक कारों की बात आती है तो हर देश की एक अलग नीति होती है। लेकिन जो देश तेल आयात कर रहे हैं, उन्हें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आयात कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों को प्रोत्साहन देने पर विचार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि इन देशों को फिलहाल उपभोक्ताओं को उनकी पहली इलेक्ट्रिक कार खरीदने के मामले में सहायता करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लगभग चार साल पहले सभी कारों में से केवल तीन प्रतिशत ही इलेक्ट्रिक थीं लेकिन इस साल बिकने वाली कारों में से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हैं।
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