बांग्लादेश न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को अभ्यारोपित किया
धीरज संतोष
- 01 Jun 2025, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
ढाका, एक जून (भाषा) बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और दो अन्य व्यक्तियों को पिछले वर्ष छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबाने में उनकी कथित भूमिका के लिए सामूहिक हत्या सहित कई अन्य आरोपों को लेकर अभ्यारोपित किया।
रविवार की कार्यवाही का मतलब है कि हसीना के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू किया जाएगा। यह कार्यवाही विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना सरकार के सत्ता से हटने के लगभग 10 महीने बाद शुरू हुई।
न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) की तीन सदस्यीय पीठ कहा, ‘‘हम आरोपों को संज्ञान में लेते हैं।’’
पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब अभियोजन पक्ष की टीम द्वारा औपचारिक रूप से आरोपियों पर क्रूर बल का प्रयोग करके प्रदर्शनों को नियंत्रित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
न्यायाधिकरण ने अभ्यारोपित करने की कार्यवाही 145 पृष्ठों के अभियोग पत्र पर सुनवाई करने के बाद शुरू की और हसीना तथा तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के खिलाफ एक नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
मामले में तीसरे आरोपी एवं तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून इस समय हिरासत में हैं और उनकी उपस्थिति में मुकदमा चलेगा।
अभियोजन पक्ष ने हसीना पर विरोध को क्रूरता से दबाने के लिए पूर्ण अधिकार का प्रयोग करने का आरोप लगाया। अन्य दो लोगों पर उकसावे, मिलीभगत, उकसाने,भड़काने और अपराध में सहायता करने का आरोप लगाया गया है।
आईसीटी-बांग्लादेश को मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने बताया, ‘‘साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह एक समन्वित, व्यापक और व्यवस्थित हमला था।’’
उन्होंने तीनों आरोपियों पर अपराधों के लिए उच्च कमान जिम्मेदारी का आरोप लगाया।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि वे मुकदमे के दौरान वीडियो, ऑडियो और फोरेंसिक साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे तथा गवाह के रूप में पेश करने के लिए 81 लोगों की सूची बनाई गई है।
न्यायाधिकरण की जांच एजेंसी ने 12 मई को मुख्य अभियोजक कार्यालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में हसीना को उन्हें अपदस्थ करने के लिए चले आंदोलन में लोगों की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने न्यायाधीकरण से आग्रह किया कि अवामी लीग को एक आपराधिक संगठन माना जाए क्योंकि अपराध पार्टी के आधार पर किए गए थे।
प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पिछले महीने अवामी लीग को तब तक भंग करने का आदेश दिया था जब तक कि उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं हो जाता।
बांग्लादेश के आईसीटी अधिनियम के तहत अगर आरोपी मामले में दोषी करार दिये जाते हैं तो हसीना और सह-आरोपियों को मौत की सजा हो सकती है।
बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार न्यायाधिकरण की कार्यवाही का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया।
न्यायाधीकरण की कार्यवाही सुबह 9.30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन इसमें थोड़ी देरी हुई क्योंकि अज्ञात लोगों ने सुनवाई शुरू होने से कुछ घंटे पहले न्यायाधिकरण के गेट पर तीन देसी बम फेंके।
पुलिस ने बताया कि दो बम में धमाके हुए जबकि तीसरे को निष्क्रिय कर दिया गया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर बदमाशों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
हिंसक आंदोलन के बाद पिछले वर्ष पांच अगस्त को सत्ता से हटीं हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई मुकदमे चलाये जा रहे हैं।
बांग्लादेश के आईसीटी ने इससे पहले तब हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जब अंतरिम सरकार ने एक राजनयिक नोट में भारत से उन्हें प्रत्यर्पित किये जाने की मांग की थी। भारत ने राजनयिक नोट प्राप्त होने की बात स्वीकार की है कि लेकिन और कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस न्यायाधिकरण का गठन मूलतः पिछली सरकार द्वारा 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के सहयोगियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था।
बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के छह शीर्ष नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक नेता को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद फांसी की सजा दी गई थी।
भाषा धीरज