वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुझान, विदेशी कोषा के प्रवाह से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
अजय
- 25 May 2025, 10:21 AM
- Updated: 10:21 AM
नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) स्थानीय शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह कई वृहद आर्थिक आंकड़ों की घोषणाओं, वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
वैश्विक अनिश्चितताओ के बीच बीते सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार गिरावट में रहे थे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘ वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों की वजह से बीते सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार का प्रदर्शन सुस्त रहा है। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और अमेरिका के बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर चिंताओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की निकासी बढ़ी। इससे भारत सहित अन्य उभरते बाजारों पर दबाव पड़ा।’’
इस सप्ताह 28 मई को भारत के अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़े आने हैं। इसके अलावा सप्ताह के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े भी आने हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की सुधार की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।
मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा मानसून की प्रगति पर जानकारी भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी बॉन्ड बाजार के घटनाक्रम, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता से भी बाजार की धारणा प्रभावित होगी।
उन्होंने कहा कि मई के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के अंतिम दौर का भी बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। सप्ताह के दौरान बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा और आईआरसीटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 609.51 अंक या 0.74 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 166.65 अंक या 0.66 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे बाजार का रुख मजबूत रहने की उम्मीद है। वृहद आर्थिक आंकड़े और कंपनियों तिमाही नतीजे बाजार को समर्थन प्रदान करेंगे। निवेशकों की निगाह इस सप्ताह जारी होने वाले इन आंकड़ों पर रहेगी। सप्ताह के दौरान भारत और अमेरिका के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े भी आने हैं।’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है, जो 2023-24 की तुलना में 27.4 प्रतिशत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को अमेरिकी शुल्क और पाकिस्तान के साथ संघर्ष के कारण रक्षा खर्च में हुई वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह बाजार के भागीदार सबसे पहले रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लाभांश हस्तांतरण और राजकोषीय नीति के लिए इसके निहितार्थ पर प्रतिक्रिया देंगे।
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, ‘‘अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश प्रवाह और व्यापार वार्ताओं को लेकर जारी अनिश्चितता को देखते हुए भारतीय बाजार में निकट भविष्य में एकीकरण का दौर देखने को मिल सकता है।’’
एक विशेषज्ञ ने कहा कि बढ़ते कर्ज के कारण अमेरिकी राजकोषीय स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं के बीच पिछले पूरे सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहा।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों का ध्यान अब अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और मजबूत घरेलू वृहद आर्थिक संकेतकों पर है। हालांकि, बढ़ते अमेरिकी कर्ज को लेकर चिंताओं के बीच बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के कारण एफआईआई की हालिया निकासी से बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है।’’
भाषा अजय