चोपड़ा के 90 मीटर दूर भाला फेंकने पर पूर्व कोच ने कहा, यह बस समय की बात थी
नमिता
- 21 May 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा के पूर्व कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज ने कहा कि इस स्टार एथलीट का 90 मीटर की बाधा पार करना बस समय की बात थी।
बार्टोनिट्ज ने चोपड़ा को चौकस और रचनात्मक एथलीट करार किया जो लगातार अपने कौशल को निखारने और सुधारने की कोशिश कर रहा है।
चोपड़ा ने पिछले सप्ताह दोहा में डायमंड लीग में 90.23 मीटर तक भाला फेंककर सत्र की शानदार शुरुआत की और आखिरकार 90 मीटर क्लब में प्रवेश किया।
बार्टोनिट्ज से जब चोपड़ा की इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘यह बस समय की बात थी (कि वह 90 मीटर भाला फेंकेगा)। ’’
चोपड़ा और जर्मन बायो-मैकेनिक्स विशेषज्ञ बार्टोनिट्ज पांच साल तक साथ रहे और उनकी साझेदारी बेहद सफल रही जिसके दौरान भारतीय भाला फेंक स्टार ने तोक्यो में ऐतिहासिक ओलंपिक स्वर्ण और पिछले साल पेरिस खेलों में रजत सहित कई पदक जीते।
बार्टोनिट्ज ने कहा, ‘‘नीरज एक बहुत ही संवेदनशील एथलीट है, वह बहुत चौकस खिलाड़ी है। यह भरोसा आपको एक कोच के रूप में हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी देता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह ट्रेनिंग में बहुत अधिक मानसिक प्रयास डालता है। वह नए अभ्यास की तलाश करने, अभ्यास को और अधिक कुशल बनाने, विशेष रूप से भाला फेंकने के मामले में अपनी ट्रेनिंग के प्रति बहुत रचनात्मक है। ’’
बार्टोनिट्ज ने कहा, ‘‘वह बहुत अच्छी तरह से समझता है कि टूर्नामेंट की क्या जरूरत है। हम (कोच) एक रचनात्मक सोच वाला एथलीट चाहते हैं ना कि ऐसा एथलीट जो सिर्फ पूछे ‘कोच आज हमें क्या करना है और बस ट्रेनिंग में चला जाए।’
ओलंपिक पदकों के अलावा बार्टोनिट्ज के साथ चोपड़ा विश्व और डायमंड लीग चैंपियन भी बने तथा इसके अलावा वह एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी बने।
लेकिन पिछले साल दोनों ने सौहार्दपूर्ण तरीके से अपने रास्ते अलग कर लिए जब सत्तर वर्षीय बार्टोनिट्ज ने अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने की बात कही।
तब से बार्टोनिट्ज एक सलाहकार के रूप में ‘इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट’ से जुड़ गए हैं और वर्तमान में हिसार परिसर में पांच दिवसीय भाला कार्यशाला आयोजित कर रहे हैं जिसका समापन बृहस्पतिवार को होगा।
डायमंड लीग में चोपड़ा ने तब तक बढ़त बनाए रखी जब तक जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपने अंतिम प्रयास में 91.06 मीटर का थ्रो नहीं फेंक दिया जिससे भारतीय खिलाड़ी दूसरे स्थान पर आ गया।
बार्टोनिट्ज ने कहा, ‘‘नीरज को प्रेरित करने की कोई जरूरत नहीं है। वह बस इतना जानता है कि यह एक खेल है। एक स्पर्धा है। (उससे बेहतर) थ्रो कभी भी आ सकता है, आपको इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। लेकिन नीरज जानता है। उसे प्रेरणा की जरूरत नहीं है। ’’
भाषा