मणिपुर में बस पर लिखा राज्य का नाम छिपाने की घटना गलतफहमी से हुई : पात्रा
वैभव मनीषा
- 21 May 2025, 10:39 AM
- Updated: 10:39 AM
इंफाल, 21 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी संबित पात्रा ने कहा है कि मणिपुर में पत्रकारों को ले जा रही सरकारी बस को सुरक्षा बलों द्वारा कथित रूप से रोकना और उस पर लिखा राज्य का नाम छिपाना गलतफहमी की घटना है जिससे बचा जा सकता था।
मणिपुर के मीडिया संगठनों और राजनीतिक दलों ने मंगलवार को इंफाल ईस्ट जिले के ग्वालताबी में घटी कथित घटना के लिए सुरक्षा बलों की निंदा की। इस बस से पत्रकारों को ‘शिरुई लिली’ के पांचवें राज्य स्तरीय पर्यटन महोत्सव में ले जाया जा रहा था।
सुरक्षा बलों ने इंफाल से करीब 25 किलोमीटर दूर ग्वालताबी जांच चौकी पर बस को रोक दिया और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के कर्मचारियों को कथित तौर पर बस के शीशे पर लिखे राज्य के नाम को सफेद कागज से ढकने के लिए बाध्य किया।
पात्रा ने मंगलवार रात ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं दो साल के बाद शिरुई लिली उत्सव के आयोजन के लिए मणिपुर राज्य को बधाई देना चाहता हूं। 17 से 20 मई तक मणिपुर राज्य परिवहन की बसों में करीब 2000 लोगों ने उखरुल तक यात्रा की जहां शिरुई लिली उत्सव आयोजित किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज (मंगलवार को) दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मेरा मानना है कि गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ जिससे बचा जा सकता था। मैं दृढ़ता से इस बात को दोहराना चाहूंगा कि जहां तक मणिपुर की अखंडता की बात है तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि इस पर समझौता नहीं किया जा सकता। हम हमेशा इसके लिए खड़े रहे हैं।’’
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि दो साल के बाद मणिपुर में कोई उत्सव मनाया जा रहा है जिसे मनाया जाना चाहिए, कोई साजिश नहीं रची जानी चाहिए।
पात्रा ने कहा, ‘‘अगर किसी को लगता है कि इसमें साजिश हुई है तो भाजपा की ओर से मैं आश्वासन देना चाहूंगा कि यह साजिश नहीं है और हम पर भरोसा रखिए।’’
इस बीच घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि इस गैरजिम्मेदाराना घटना में शामिल लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह क्या बात है कि मणिपुर में राज्य का नाम नहीं लिखा जा सकता। पहले मणिपुर को जानिए। मैं पत्रकार समुदाय और मणिपुर की जनता के साथ खड़ा हूं।’’
मणिपुर के मीडिया संगठनों ने भी कहा कि पत्रकारों के ‘उत्पीड़न’ की वजह से वे बुधवार को हड़ताल करेंगे और काम नहीं करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से जुड़ी सभी खबरों और सूचनाओं का बहिष्कार करने का आह्वान भी किया।
उन्होंने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में शिरुई लिली उत्सव कवर करने जा रहे पत्रकारों के ‘उत्पीड़न’ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
भाषा वैभव