विदेश सचिव मिसरी ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को जानकारी दी
शफीक संतोष
- 20 May 2025, 11:17 PM
- Updated: 11:17 PM
नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को विभिन्न देशों को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए विदेश यात्रा पर जा रहे सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से तीन को पाकिस्तान द्वारा भारत में लंबे समय से आतंकवाद को प्रायोजित करने के बारे में जानकारी दी। मिसरी ने उन्हें यह भी बताया कि भारत किस प्रकार अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी घटना को अंजाम देने वालों और इसकी साजिश रचने वालों को कड़ा जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा ने कहा, ‘‘वैश्विक नेताओं को हमारा संदेश यह होगा कि अब बहुत हो चुका और जब भी भारत ने अतीत में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पाकिस्तान की बातों पर भरोसा किया है, तो उसने ऐसा व्यवहार किया है, मानो किसी चोर से उसके अपने अपराध की जांच करने को कहा गया हो।’’
झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधमंडल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा करेगा।
संयुक्त अरब अमीरात और कुछ अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने कहा कि वे भारत में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करेंगे और न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी मानवता के खिलाफ इन भयानक अपराधों से पाकिस्तान के जुड़ाव वाले सबूत पेश करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, मिसरी ने सांसदों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को बताया कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी, न कि सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिकों के खिलाफ।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने के प्रयासों के बाद ही भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
सूत्रों के मुताबिक, मिसरी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संबंधित चीजों की जानकारी दी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से लिया था और किसी अन्य देश ने इसमें मध्यस्थता की भूमिका नहीं निभाई।
भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया और झा ने कहा कि अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को भी पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाना मिला था, जिसके बाद अमेरिकी जवानों ने उसे एक विशेष अभियान में मार गिराया था।
जद(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और द्रमुक की कनिमोई के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ‘ब्रीफिंग’ में भाग लिया, जिसमें उन्हें उनके एजेंडे और उसके विस्तृत विवरण के बारे में बताया गया।
हालांकि, कनिमोई बैठक में शामिल नहीं हो सकीं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी भी बैठक में शामिल हुए, जिन्हें अंतिम समय में प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया, क्योंकि उनकी पार्टी ने अपने सांसद यूसुफ पठान को सरकार द्वारा चुने जाने के ‘‘एकतरफा’’ फैसले का विरोध किया था।
बनर्जी, जद(यू) नेता झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
प्रतिनिधिमंडल 21 मई से यात्रा पर रवाना होंगे जो संभवतः 10 से 14 दिनों तक चलेगी।
भाषा शफीक