पतियों की हत्या और उन्हें छोड़ने की घटनाओं की वजह रिश्तों को समझने में ‘अंतर्निहित बदलाव’ :विशेषज्ञ
चंदन सलीम मनीषा सिम्मी वैभव
- 19 May 2025, 11:01 AM
- Updated: 11:01 AM
लखनऊ, 19 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीने में पतियों की हत्या करने और रिश्तों को ताक पर रखने के अनेक मामले सामने आए हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि यह संबंधों को समझने में ‘अंतनिर्हित बदलाव’ के कारण हो रहा है।
हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं के विवाहेतर संबंधों के कारण पति की हत्या, प्रेमी के साथ घर बसाने के लिए जानबूझकर तलाक और घर से भाग जाने की घटनाएं सामने आई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह चलन लोगों के रिश्तों को समझने और उन्हें आगे बढ़ाने के तरीके में 'अंतर्निहित बदलाव' बताता है।
मार्च के महीने में मेरठ में एक सनसनीखेज वारदात में मुस्कान रस्तोगी नामक महिला ने अपने प्रेमी साहिल की मदद से अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या करके उसके शव के टुकड़े कर दिए और उन्हें एक ड्रम में भरकर छुट्टियां मनाने चली गई।
मर्चेंट नेवी में अधिकारी रहे सौरभ राजपूत अपनी पत्नी मुस्कान का जन्मदिन मनाने के लिए लंदन से आए थे। पुलिस के अनुसार, राजपूत को नशीला पदार्थ दिया गया, चाकू मारा गया, उनके शरीर के टुकड़े किये गये और एक ड्रम में डालकर ड्रम को सीमेंट से भर कर बंद कर दिया गया।
मेरठ में ही 27 वर्षीय रविता ने अपने 19 वर्षीय प्रेमी अमरदीप की मदद से अपने पति अमित कश्यप की गला घोंटकर हत्या कर दी। दोनों ने स्वाभाविक मौत बताने के लिए उसके शव के पास एक जहरीला सांप रख दिया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सच्चाई का पता लग गया।
बिजनौर में हुई एक घटना में शिवानी नाम की एक महिला ने दावा किया था कि उसके पति को दिल का दौरा पड़ा। लेकिन पोस्टमार्टम में पता चला कि उसके पति का गला घोंटा गया था।
औरैया में एक शादी सिर्फ 15 दिन चली और फिर महिला, उसके प्रेमी और एक व्यक्ति ने पति दिलीप यादव की हत्या कर दी।
राज्य के संत कबीर नगर जिले में एक अजीबोगरीब घटना हुई। जिले के निवासी बबलू को जब पता चला कि उसकी पत्नी के विवाहेतर संबंध हैं तो उसने उसकी शादी उस आदमी से कराने का फैसला किया जिसे वह चाहती थी।
बबलू ने 'पीटीआई-भाषा' से मेरठ 'ब्लू ड्रम' हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, "मैंने टकराव के बजाय शांति को प्राथमिकता दी। हाल ही में, हमने देखा है कि पत्नियों ने ऐसे मामलों को लेकर अपने-अपने पति की हत्या कर दी है। इसलिए मैंने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करवाने का फैसला किया ताकि हम दोनों सुकून से रह सकें।"
हालांकि, बबलू ने कुछ ही दिन बाद अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए उस व्यक्ति से संपर्क किया क्योंकि उसे अपने दो बच्चों को अकेले पालना मुश्किल लग रहा था।
फर्रुखाबाद में भी इसी तरह की घटना में राहुल अपनी पत्नी वैष्णवी से सिर्फ इसलिए अलग हो गया ताकि वह उसकी दोबारा शादी में मदद कर सके। दोनों ने अभी तक तलाक नहीं लिया है लेकिन वे नए सिरे से शुरुआत करने पर अड़े हुए हैं।
अलीगढ़ में हाल ही में रिश्तों को शर्मसार करती हुई एक अजीबोगरीब घटना सामने आई जिसमें एक महिला अपने होने वाले दामाद के साथ घर छोड़ कर चली गई। महिला की बेटी का उस व्यक्ति से 10 दिन बाद विवाह होने वाला था।
स्थानीय निवासी रमाकांत ने इस घटना पर कहा, "बेटी की शादी से पहले माताओं का भावुक होना आम बात है, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं देखा कि कोई महिला उस आदमी के साथ भाग जाए जिससे उसकी बेटी की शादी होने वाली हो।"
महिला की बेटी ने कहा कि उसकी मां अपने होने वाले दामाद से खूब बातें करती थी लेकिन वह उसके साथ चली जाएगी ऐसा कभी नहीं सोचा था।
उसने कहा, "मेरी शादी 16 अप्रैल को होनी थी और मेरी मां कुछ दिन पहले ही उसके साथ भाग गईं। वह मेरी शादी के लिए रखे पैसे और गहने भी ले गयीं।"
पारिवारिक जटिलताओं के मामले में विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सुप्रिया दास ने कहा कि ये सभी घटनाएं सतही तौर पर तो सनसनीखेज थीं मगर ये मानवीय जटिलता को उजागर करती हैं।
उन्होंने कहा, "ये घटनाएं व्यक्तिगत इच्छाओं और सामाजिक मानदंडों के बीच एक जटिल अंतर्संबंध को उजागर करती हैं।"
उन्होंने इन घटनाओं को विसंगतियों के रूप में खारिज करने से भी इनकार कर दिया और दावा किया कि ये लोगों के रिश्तों को समझने और उन्हें आगे बढ़ाने के तरीके में "अंतर्निहित बदलावों" को दिखाती हैं।
बदायूं में, चार बच्चों की 43 वर्षीय मां ममता ने एक साल के प्रेम संबंध के बाद अपनी बेटी के ससुर शैलेंद्र के साथ भागकर शादी कर ली।
सिद्धार्थनगर में शादीशुदा गीता और विवाहित गोपाल ने अपने जीवनसाथियों और बच्चों को छोड़कर भागकर शादी कर ली। उनकी गुपचुप शादी का पता तब चला जब उनकी शादी की तस्वीरें फेसबुक पर सामने आईं।
अमरोहा में 30 वर्षीय शबनम ने हिंदू धर्म अपनाया और एक मंदिर में 18 वर्षीय छात्र के साथ विवाह रचा लिया। उसकी पिछली दो शादियों से तीन बच्चे हैं।
डॉक्टर सुप्रिया दास ने कहा, "विवाह की 'सांसारिक वास्तविकताएं' हमेशा से मौजूद रही हैं, लेकिन शायद भावनात्मक संतुष्टि की कमी के लिए असहिष्णुता बढ़ रही है। लोग व्यक्तिगत खुशी को प्राथमिकता देने वाले विकल्पों की तलाश करने के लिए खुद को सशक्त या संभवत: उतावला हताश महसूस कर रहे हैं। भले ही इसका मतलब लंबे समय से चली आ रही सामाजिक परंपराओं को चुनौती देना क्यों न हो।"
भाषा चंदन सलीम मनीषा सिम्मी