सिंध में अज्ञात बंदूकधारियों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रजाउल्ला निजामनी की हत्या की
जितेंद्र सुभाष
- 18 May 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्यालय पर वर्ष 2006 में हुए हमले के मुख्य षडयंत्रकारी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रजाउल्ला निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्ला की रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
खालिद 2000 की शुरुआत में नेपाल से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी अभियानों का नेतृत्व करता था और उसे विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्ला नाम से भी जाना जाता था।
अधिकारियों ने बताया कि खालिद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा था।
उन्होंने बताया कि खालिद आज (रविवार को) दोपहर सिंध के मतली में अपने घर से निकला था और सिंध प्रांत के बदनी में एक चौराहे के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी।
लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे।
संघ मुख्यालय पर हमले के अलावा, लश्कर का यह आतंकवादी खालिद 2005 में बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हुए थे।
आतंकवादी घटनास्थल से भाग निकले थे, हालांकि बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अनस अब भी फरार है।
खालिद 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात जवान और एक नागरिक की मौत हो गयी थी।
दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये थे।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद खालिद नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट गया था।
बाद में उसने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के कई नेताओं के साथ मिलकर काम किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के लिए लश्कर-ए-तैयबा कमांडर यूसुफ मुजम्मिल, मुजम्मिल इकबाल हाशमी और मुहम्मद यूसुफ तैबी शामिल थे।
खालिद को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के नेतृत्व ने सिंध के बादिन और हैदराबाद जिलों के इलाकों से नये आतंकवादियों की भर्ती करने और आतंकी संगठन के लिए धन जुटाने का काम सौंपा था।
सिंध से आई खबरों के अनुसार, गोली लगने के बाद खालिद को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खबरों में, इस हत्याकांड को व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला भी बताया गया है।
भाषा जितेंद्र