बिहार में 2024 के आम चुनाव में कम मतदान पर चुनाव आयोग ने जताई चिंता
रंजन रंजन माधव
- 16 May 2025, 08:19 PM
- Updated: 08:19 PM
पटना, 16 मई (भाषा) बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को 2024 के आम चुनाव में राज्य में हुए कम मतदान पर चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने को कहा।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार का मतदाता मतदान राष्ट्रीय औसत से लगभग 10 प्रतिशत कम था।
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए बिहार के चार दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचे निर्वाचन आयुक्त विवेक जोशी ने शुक्रवार को यहां सीईओ, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी कुंदन कृष्णन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में आगामी चुनाव की तैयारियों, आदर्श आचार संहिता के अनुपालन, मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण तथा अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
सीईओ ने एक बयान में कहा, ‘‘निर्वाचन आयुक्त ने बिहार में कम मतदान पर चिंता व्यक्त की। मतदान का राष्ट्रीय औसत 66.10 प्रतिशत है, जबकि बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में केवल 56.28 फीसदी मतदान हुआ था, जो काफी कम है।’’
जोशी ने मतदान बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसे सूक्ष्म स्तर पर लागू किया जाना चाहिए और ईसीआई द्वारा नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (जोशी ने) कहा कि पिछले 10 साल में हुये आम चुनाव में बिहार में मतदान का प्रतिशत 56-57 फीसदी के बीच रहा है, जिस पर सुधार करने के उद्देश्य से काम करने की आवश्यकता है।’’
इसमें कहा गया है कि बिहार में कुल 7,69,046 दिव्यांग मतदाता हैं जबकि 5,91,347 बुजुर्ग मतदाता हैं जिनकी आयु 85 साल से अधिक है। उन्होंने निर्देश दिया कि इन मतदाताओं की अधिकतम समावेशी भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि वे बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें।
बयान में कहा गया है, ‘‘इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों की समावेशी भागीदारी सुनिश्चित होगी, बल्कि समग्र मतदान को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।’’
जोशी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चुनाव संबंधी सभी गतिविधियां निष्पक्ष रूप से और निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी की जायें।
उन्होंने प्रशासन से सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय एवं रचनात्मक पहल करने का भी आग्रह किया।
निर्वाचक नामावली की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मतदान केंद्र अधिकारी, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंट शामिल हैं। ये प्रशिक्षण सत्र नई दिल्ली के साथ-साथ बिहार भर में मंडल और जिला स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं।’’
बिहार में कुल 77,895 मतदान केंद्र हैं और चुनाव आयोग ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वहां सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के अनुसार, बिहार में लगभग 7.80 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं।
भाषा रंजन रंजन