विजय शाह मामला: अदालत की फटकार के बाद पुलिस बोली, ‘‘सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे’’
हर्ष सुरभि
- 15 May 2025, 09:18 PM
- Updated: 09:18 PM
इंदौर (मप्र), 15 मई (भाषा) पुलिस के एक आला अधिकारी ने बृहस्पतिवार को भरोसा दिलाया कि भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में सूबे के काबीना मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में तमाम कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।
पुलिस का यह बयान इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के बारे में उच्च न्यायालय की कड़ी फटकार के बाद आया।
उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले का मीडिया की खबरों के आधार पर बुधवार को खुद संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को काबीना मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह के खिलाफ मानपुर पुलिस थाने में बुधवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गई। यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का कृत्य), धारा 196 (1) (बी) (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला ऐसा कृत्य जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो या भंग होने की आशंका हो) और धारा 197 (1) (सी) (किसी समुदाय के सदस्य को लेकर ऐसी बात कहना जिससे अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर विपरीत असर पड़ता हो या उनके बीच शत्रुता या घृणा या दुर्भावना की भावना पनपती हो या पनपने की आशंका हो) के तहत दर्ज की गई।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) निमिष अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘शाह के खिलाफ दर्ज मामले को जांच में ले लिया गया है। जांच में जो भी तथ्य आएंगे, उनके मुताबिक हम आगे बढ़ेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उसके बुधवार के आदेश में लिखी गई सारी बातों को प्राथमिकी का हिस्सा माना जाए। हम उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक मामले की जांच करेंगे और जांच में तमाम कानूनी पहलुओं और प्रक्रियाओं का पालन करेंगे।’’
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में मंत्री शाह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को लेकर बृहस्पतिवार को पुलिस की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि पुलिस को कथित अपराध का विस्तृत विवरण प्राथमिकी में शामिल करना चाहिए और इसे उच्च न्यायालय के बुधवार के आदेश के अनुरूप होना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि वह जांच में हस्तक्षेप किए बिना मामले की निगरानी करेगा।
शाह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इसमें ‘‘प्रथम सूचना तथ्य’’ के महत्वपूर्ण कॉलम में काबीना मंत्री द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कही गई विवादास्पद बातों का विशिष्ट उल्लेख नहीं किया गया है।
मानपुर पुलिस थाने में बुधवार रात 11:30 बजे के आस-पास दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि 12 मई (सोमवार) को रायकुण्डा गांव में हलमा (सामूहिक श्रमदान और सामुदायिक सहभागिता की जनजातीय परम्परा) के कार्यक्रम के दौरान शाह के संबोधन के कुछ अंश प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए।
प्राथमिकी में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने मीडिया में प्रकाशित इस संबोधन का स्वतः संज्ञान लेते हुए 14 मई (बुधवार) को आदेश पारित किया है और इस आदेश का पालन करते हुए शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके मामले को जांच में लिया गया है।
शाह ने इंदौर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान विवादास्पद बयान दिया था।
कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने यह ‘‘अशोभनीय’’ और ‘‘नफरत भरा’’ बयान भारतीय सेना की कर्नल कुरैशी के खिलाफ दिया और इस कथन के जरिये राज्य के काबीना मंत्री ने सेना की महिला अधिकारी को ‘‘आतंकवादियों की बहन’’ के रूप में पेश करने की कोशिश की।
इस बयान को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न होने के बाद शाह ने कहा था कि अगर किसी व्यक्ति को उनकी बातों से ठेस पहुंची है, तो वह 10 बार माफी मांगने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपनी बहन से ज्यादा कर्नल कुरैशी का सम्मान करते हैं।
कर्नल कुरैशी ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण नियमित पत्रकार वार्ताओं में साझा किया था। इन पत्रकार वार्ताओं में विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी शामिल होते थे।
भाषा हर्ष