आरजीसीबी अनुसंधान ने एंटीबायोटिक के प्रति बैक्टीरिया के प्रतिरोध पर काबू के लिए नए तरीके खोजे
आशीष सुरेश
- 14 May 2025, 08:45 PM
- Updated: 08:45 PM
तिरुवनंतपुरम, 14 मई (भाषा) ब्रिक-राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) के शोधकर्ताओं ने एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया के प्रतिरोध को रोकने के लिए नए तरीकों की खोज की है। संस्थान ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया का प्रतिरोध मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर उभरता वैश्विक खतरा है। जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं नवाचार परिषद (ब्रिक) के संस्थान आरजीसीबी ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया के प्रतिरोध से निपटने के तरीकों में से एक रोगजनक बैक्टीरिया में पोरिन नामक प्रोटीन की बाहरी झिल्ली को लक्षित करना है।
आरजीसीबी ने कहा कि बैक्टीरिया ने एंटीबायोटिक दवाओं को रोकने के लिए कई तरीके विकसित कर लिये हैं, जिससे कभी प्रभावी रहीं दवाएं बेअसर हो गई हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘उनकी एक प्रमुख सुरक्षा पोरीन में मौजूद सूक्ष्म प्रोटीन चैनल के माध्यम से होती है, जो एंटीबायोटिक दवाओं के प्रवेश के लिए चैनल बनाते हैं। पोरीन की संख्या में कमी से बैक्टीरिया में दवाओं का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे उन्हें विभिन्न एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित करने और उपचार से बचने में मदद मिलती है।’’
आरजीसीबी ने विज्ञप्ति में कहा कि इस मुद्दे पर बहु-विषयक जांच से एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने के लिए पोरीन को लक्षित करने की क्षमता का पता चला है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह अनुसंधान कार्य वेनहीम (जर्मनी) स्थित नैनोविज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी पत्रिका ‘स्मॉल’ में प्रकाशित हुआ है। यह अनुसंधान ब्रिक-राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) में डॉ महेंद्रन की प्रयोगशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास में डॉ अरुमुगम राजावेलु की प्रयोगशाला और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर), हैदराबाद में डॉ जगन्नाथ मंडल की प्रयोगशाला के सहयोग से किया गया।
इसमें कहा गया है कि यह समझकर कि ये दवाएं पोरीन के साथ किस प्रकार अंतःक्रिया करती हैं, अनुसंधान कार्य ने प्रतिरोध पर काबू पाने और एंटीबायोटिक को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक आशाजनक नया मार्ग प्रकट किया है।
आरजीसीबी के निदेशक प्रोफेसर चंद्रभास नारायण ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बैक्टीरिया का प्रतिरोध वैश्विक चिकित्सा समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान बहुविषयक अनुसंधान कार्य इस चुनौती से निपटने और एंटीबायोटिक दवाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए संभावनाओं का द्वार खोलेगा।’’
भाषा आशीष