उमर अब्दुल्ला ने गोलाबारी प्रभावित इलाकों का दौरा किया, घरों के पुनर्निर्माण में मदद का वादा किया
वैभव पवनेश
- 14 May 2025, 03:49 PM
- Updated: 03:49 PM
श्रीनगर, 14 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित लोगों को घरों के पुनर्निर्माण में हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए बुधवार को कहा कि ‘‘मेरे लोगों का दर्द अत्यंत व्यक्तिगत है’’।
अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के सलामाबाद, लगमा, बांदी और गिंगल सहित उरी के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि वह इन क्षेत्रों में अलग से बंकर बनाने की मांग केंद्र के साथ उठाएंगे।
मुख्यमंत्री के साथ उनके सलाहकार नासिर असलम वानी, उरी के विधायक सज्जाद उरी और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
अब्दुल्ला ने उरी में गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हुए घरों में रहने वाले परिवारों से बातचीत में कहा, ‘‘सरकार की ओर से आपको मदद मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आपके घर फिर से बन सकें।’’
मुख्यमंत्री स्थिति का जायजा लेने, लोगों को हुए नुकसान का प्रत्यक्ष विवरण प्राप्त करने और उनका दर्द साझा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उरी के लोगों ने कई बार दर्द सहा है, लेकिन हर बार हिम्मत और दृढ़ता के साथ आगे बढ़े हैं।
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उरी के सलामाबाद, लगमा, बांदी और गिंगल सहित गोलेबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस भूमि ने बहुत कुछ सहा है - 2005 के भूकंप के प्रभाव से लेकर सीमा पार से गोलाबारी के दर्द तक। फिर भी, इसके लोग हर बार अपने दिलों में साहस और अपनी आत्मा में जुझारूपन लेकर आगे बढ़ते हैं।’’
इससे पहले एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का दर्द उनके लिए ‘बहुत व्यक्तिगत’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल में हुई गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मिलने के लिए आज उरी जा रहा हूं। पिछले कुछ दिनों में, मैंने अपने लोगों के अपार दर्द, नुकसान और अकल्पनीय साहस को देखा है। ये दौरे खुशी साझा करने और विकास की बात करने के लिए होने चाहिए थे, न कि संवेदना व्यक्त करने के लिए। मेरे लोगों का दर्द बहुत व्यक्तिगत है।’’
बाद में उरी में संवाददाताओं से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी में ऐसा लगा कि नागरिकों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर कोशिश की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नागरिक क्षेत्रों पर 2-3 दिन तक अंधाधुंध तरीके से गोलाबारी की गई। ऐसा लग रहा था कि नागरिकों को अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर सीमा पार से प्रयास किया गया था। शुक्र है कि संघर्ष विराम हुआ और पिछले दो दिनों से सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अब उन सभी परिवारों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है जिन्हें नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं और उन्हें उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए राहत मुहैया कराएंगे।’’
भविष्य में इस तरह की घटनाओं की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि वह गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों में अलग बंकर बनाने की मांग को केंद्र सरकार के साथ उठाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जहां भी गया, चाहे वह जम्मू हो या कश्मीर, वहां अधिक बंकरों की मांग की गई। लोगों को लगता है कि स्थिति कभी भी बदल सकती है, इसलिए लोगों ने व्यक्तिगत बंकरों की मांग की है।’’
अब्दुल्ला के मुताबिक, ‘‘हम सबसे पहले लोगों को तुरंत राहत प्रदान करेंगे और फिर गोलाबारी की चपेट में आने वाले सभी क्षेत्रों के लिए एक योजना के तहत केंद्र के साथ व्यक्तिगत बंकरों का मुद्दा उठाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सबसे पहले लोगों को तत्काल राहत पहुंचाएंगे और फिर गोलाबारी के दायरे में आने वाले सभी इलाकों के लिए एक योजना के तहत अलग-अलग बंकर बनाने के मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।’’
सीमापार गोलाबारी से किसी को लाभ होने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सवाल उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जिन्होंने अपनों को खो दिया।
अब्दुल्ला ने कहा, ''क्या फायदा? मैंने पहले दिन से ही कहा है कि ये लड़ाई हमने शुरू नहीं की। पहलगाम में हमारे निर्दोष लोगों पर हमला हुआ, 26 अनमोल जानें गईं।''
इस दौरे पर अब्दुल्ला ने नरगिस बेगम के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की, जिनकी गोलाबारी में मृत्यु हो गई थी।
भाषा वैभव