इजराइल को हथियार मुहैया कराने में ब्रिटिश सरकार की भूमिका पर कानूनी चुनौती पर सुनवाई की
एपी अमित वैभव
- 13 May 2025, 04:59 PM
- Updated: 04:59 PM
लंदन, 13 मई (एपी) ब्रिटेन सरकार मंगलवार से शुरू होने वाली उच्च न्यायालय की सुनवाई में, एफ-35 लड़ाकू विमानों के लिए पुर्जों की आपूर्ति जारी रखने के अपने फैसले का बचाव करेगी, जिनका इस्तेमाल इजराइल द्वारा गाजा में किया जा सकता है।
यह कानूनी चुनौती मानवाधिकार समूहों द्वारा पेश की गई थी, जिनकी दलील है कि सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ रही है तथा युद्धक विमानों के लिए आवश्यक पुर्जों को इजराइल को आपूर्ति करने की अनुमति देकर फलस्तीनियों के विरुद्ध अत्याचार में भागीदार है।
ब्रिटेन की सरकार ने सितंबर में कहा था कि वह गाजा में संघर्ष में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए 350 मौजूदा निर्यात लाइसेंस में से लगभग 30 को निलंबित कर रही है। उसने कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि इस बात का ‘‘स्पष्ट जोखिम’’ है कि इन वस्तुओं का इस्तेमाल ‘‘अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन करने या उसे बढ़ावा देने’’ के लिए किया जा सकता है। इन उपकरणों में हेलीकॉप्टर और ड्रोन के पुर्जे शामिल थे।
हालांकि एफ-35 लड़ाकू विमानों के पुर्जों से संबंधित कुछ लाइसेंस के लिए छूट दी गई, जिनका संबंध गाजा पट्टी में इजराइल के बमबारी अभियान से रहा है।
मानवाधिकार समूहों का तर्क है कि ब्रिटेन को इजराइल के अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुपालन के बारे में सरकार के स्वयं के आकलन को देखते हुए पुर्जों का निर्यात जारी नहीं रखना चाहिए।
फलस्तीनी मानवाधिकार संगठन अल-हक और ब्रिटेन स्थित ग्लोबल लीगल एक्शन नेटवर्क का कहना है कि इन पुर्जों की वैश्विक पुर्जा आपूर्ति शृंखला के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से इजराइल को आपूर्ति की जाती है।
ब्रिटेन के अधिकारियों ने दलील दी है कि एफ-35 लड़ाकू जेट के पुर्जों के निर्यात को रोकने से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका और जर्मनी जैसे प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं की तुलना में, ब्रिटिश कंपनियां इजराइल को अपेक्षाकृत कम मात्रा में हथियार और पुर्जे बेचती हैं।
ग्लोबल लीगल एक्शन नेटवर्क की वकील चार्लोट एंड्रयूज-ब्रिस्को ने कहा, ‘‘एफ-35 विमान गाजा के लोगों पर बम गिरा रहे हैं। ब्रिटेन सरकार ने इजराइल को हथियार देना जारी रखने के लिए अपने घरेलू कानून से स्पष्ट रूप से अलग हटकर काम किया है। यह निर्णय विनाशकारी प्रभाव वाला है।’’
सुनवाई चार दिन तक चलने की उम्मीद है और निर्णय बाद में आने की उम्मीद है।
एपी अमित