बांग्लादेश ने संशोधित आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया
राजकुमार रंजन
- 12 May 2025, 08:14 PM
- Updated: 08:14 PM
ढाका/नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) बांग्लादेश ने सोमवार को एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर रातों-रात संशोधित किये गये आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी की सभी गतिविधियों पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया।
गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया, ‘‘गृह मंत्रालय ने आज अवामी लीग, इसके सभी सहयोगी और उससे सहानुभूति रखने वाले संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने वाली राजपत्र अधिसूचना जारी की है।’’
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार अवामी लीग और उसके संबद्ध संगठनों पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2025 के तहत तब तक प्रतिबंध लगा दिया गया है जब तक कि बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं कर लेता।
अधिकारी ने कहा कि संशोधित कानून की धारा 18 सरकार को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी व्यक्ति या संगठन को उचित आधार पर आतंकवाद में संलिप्त पाये जाने पर प्रतिबंधित संगठन घोषित कर सकती है।
वर्ष 2009 के मूल आतंकवाद-रोधी अधिनियम में इस “संगठन” पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान नहीं था।
पिछले वर्ष एक छात्र मंच द्वारा आयोजित सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत के मामले में अवामी लीग के नेताओं पर मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगाया गया था। इन विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप पांच अगस्त को हसीना की 16 साल पुरानी सरकार सत्ता से हट गयी थी।
शनिवार को, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद या मंत्रिमंडल ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत साइबरस्पेस समेत ‘अवामी लीग की सभी गतिविधियों’ पर प्रतिबंध लगा दिया।
उसने कहा है कि यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक विशेष न्यायाधिकरण पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं कर लेता।
अगले दिन, अवामी लीग ने अंतरिम सरकार के फैसले को अस्वीकार कर दिया और अपनी गतिविधियों को उचित तरीके से जारी रखने का संकल्प लिया।
सोमवार का घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश ने रातों-रात एक अध्यादेश जारी कर संशोधित आतंकवाद कानून के तहत आरोपी व्यक्तियों या संगठनों के बयानों के प्रकाशन/ प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
रविवार रात राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम में संशोधन वाला एक अध्यादेश जारी किया, जिसके तहत आतंकवाद विरोधी अधिनियम में मुकदमे का सामना कर रहे किसी भी व्यक्ति या संगठन के समर्थन में प्रेस वक्तव्य, सोशल मीडिया सामग्री या सार्वजनिक सभाओं समेत किसी भी प्रकार के प्रचार पर रोक लगा दी गई है।
अंतरिम प्रशासन ने ‘सूचीबद्ध व्यक्तियों या प्रतिबंधित संगठनों’ के पिछले संदर्भ को इस अधिक सामान्य वाक्यांश से प्रतिस्थापित करके प्रतिबंधों के दायरे को भी व्यापक बना दिया: ‘कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून की धारा 18 की उपधारा (1) के तहत कार्रवाई की गई है।’
सन् 1949 में गठित अवामी लीग ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में दशकों तक बंगालियों की स्वायत्तता के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया और अंततः 1971 में मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया।
भाषा राजकुमार