युद्ध के बादल छंटने के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में पटरी पर लौट रही जिंदगी
धीरज अविनाश
- 12 May 2025, 07:43 PM
- Updated: 07:43 PM
नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बादल छंटने के बीच सीमावर्ती इलाकों में जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी है।
चार दिन तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलाबारी किये जाने की वजह से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के निकट रहने वाले लोग पलायन को मजबूर हुए थे और सोमवार को वे अपने घर लौटने लगे।
अधिकारियों ने बताया कि बम निरोधक दस्तों द्वारा रिहायशी इलाकों से बचे हुए या नहीं फटे गोलों को हटाने के बाद ग्रामीण अपने घर लौट रहे हैं।
उरी के कमलकोट क्षेत्र के निवासी अरशद अहमद ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया है। हमें यह भी उम्मीद है कि पाकिस्तान दोबारा ऐसी हरकतें नहीं करेगा।’’
उरी के विधायक सज्जाद शफी ने सीमावर्ती इलाकों के गांवों के निवासियों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध वस्तु को नहीं छूने को कहा। विधायक ने कहा, ‘‘उन्हें किसी भी संदिग्ध वस्तु के बारे में तुरंत अधिकारियों को सूचित करना चाहिए ताकि उसका उचित तरीके से निपटान किया जा सके।’’
जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के निवासियों से कहा कि वे जल्दबाजी में वापस न लौटें, क्योंकि रिहायशी इलाकों की अब तक तलाशी नहीं ली गई है और वहां सीमा पार से आए गोला-बारूद को हटाया नहीं गया है।
पंजाब के कुछ जिलों में सोमवार को भी स्कूल बंद रहे। पाकिस्तान की सीमा से सटे फिरोजपुर, फाजिल्का, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर जिलों में सोमवार को स्कूल बंद रहे। पठानकोट और गुरदासपुर में कॉलेज और विश्वविद्यालय भी बंद रहे।
पंजाब की 553 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है।
पठानकोट में एक किराना दुकान के मालिक ने कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया है और वह पड़ोसी देश को कड़ा संदेश देने में सफल रहा है। अब पाकिस्तान, जो एक दुष्ट देश है, हमारे देश पर बुरी नजर डालने की हिम्मत नहीं कर सकेगा।’’
पाकिस्तान ने विशेष रूप से पठानकोट को निशाना बनाकर कई ड्रोन हमले किए, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें विफल कर दिया। फिरोजपुर में सुरक्षित स्थानों पर चले गए ग्रामीण अपने गांवों को लौट रहे हैं।
सीमावर्ती जल्लो के गांव के निवासी दलेर सिंह ने बताया कि आस-पास के इलाकों के ज्यादातर लोग अपना घर छोड़कर चले गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘अब उनमें से ज्यादातर वापस आ गए हैं, लेकिन वे सतर्क हैं। कुल मिलाकर, जीवन सामान्य है और हम अपने खेतों में वापस जा रहे हैं।’’
फिरोजपुर के एक निवासी ने कहा, ‘‘स्थिति अब सामान्य है। हम आशा करते हैं कि संघर्ष विराम कायम रहेगा और शांति बनी रहेगी।’’
राजस्थान में रविवार रात सीमावर्ती जिलों में पूरी तरह ‘ब्लैकआउट’ रहा। ऐसी खबरें थीं कि बाड़मेर में आसमान में कुछ लाल रोशनी देखी गईं, जिनके ड्रोन होने का संदेह है।
जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अलर्ट भेजा, ‘‘ड्रोन की गतिविधि देखी गई। कृपया अपने घरों के अंदर रहें और ब्लैकआउट का पालन करें: जिलाधिकारी बाड़मेर।’’हालांकि, बताया गया कि कोई ड्रोन नहीं गिराया गया।
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सोमवार सुबह तक सामान्य स्थिति का अहसास होने लगा और लोग चाय दुकानों पर एकत्र होकर हंसी-मजाक करते दिखे।
जैसलमेर के स्थानीय निवासी जालम सिंह ने कहा, ‘‘अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। पिछली रात शांति बनी रही।’’
जम्मू कश्मीर की लगती सीमा पर रहने वाले लोग इस संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हुए।
भारतीय सेना ने सोमवार सुबह एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों में रात में काफी हद तक शांति बनी रही।’’
भाषा
धीरज