सरकार स्पष्ट करे कि क्यों अमेरिकी मध्यस्थता की अनुमति दी गयी: शरद पवार
राजकुमार दिलीप
- 12 May 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 12 मई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने सैन्य टकराव की पृष्ठभूमि में भारत और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर अमेरिका द्वारा की गई "मध्यस्थता" पर सोमवार को केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
कांग्रेस और अन्य पार्टियां पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद के विभिन्न घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही हैं, जबकि पवार ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का समर्थन किया।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह पहली बार है कि किसी अमेरिकी प्राधिकारी ने हमारे घरेलू मुद्दे के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की है, जो अच्छा नहीं है।’’
उनका इशारा भारत-पाक सैन्य टकराव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ‘संघर्ष विराम’ की घोषणा की ओर था।
पवार ने कहा कि शिमला संधि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच एक विशिष्ट समझौता है, जिसमें कहा गया है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच के मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच समझौता है। इस संदर्भ में अमेरिकी मध्यस्थता की आवश्यकता के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं। सरकार को जवाब देना चाहिए।’’
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि शिमला समझौते में यह बात कही गयी है कि दोनों देश आपस में फैसला करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी तीसरे देश को बीच में कैसे आने दे सकते हैं?’’
पवार ने इस बात पर जोर दिया कि वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के खिलाफ नहीं हैं।
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं विशेष सत्र के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन यह (सैन्य मुद्दा) एक संवेदनशील मामला है और सभी बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता। कुछ चीजों को गोपनीय रखने की जरूरत है। मुझे लगता है कि सर्वदलीय बैठक बुलाना बेहतर होगा।’’
राकांपा (एसपी) नेता से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज रात करीब आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं प्रधानमंत्री क्या कहते हैं।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू होने के बाद मोदी का यह पहला संबोधन होगा।
पहलगाम आतंकी हमले में हुई 26 लोगों की मौत का बदला लेने के लिए भारत ने छह मई की आधी रात में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गये।
पाकिस्तान द्वारा कई भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के प्रयास को विफल कर दिया गया और भारतीय सशस्त्र बलों ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन समेत पाक के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया।
जब दोनों देश पूर्ण संघर्ष के कगार पर पहुंच गए थे, तब ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ‘पूर्ण और तत्काल’ संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता वाली वार्ता’’ का परिणाम है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार शाम को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र में तत्काल प्रभाव से सभी गोलीबारी एवं सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हो गये हैं।
भाषा राजकुमार