ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों जैसे तेवर वाले गैर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर कोहली : चैपल
नमिता मोना
- 12 May 2025, 06:31 PM
- Updated: 06:31 PM
मेलबर्न, 12 मई (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज ग्रेग चैपल ने कहा कि विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना ‘एक शानदार युग का अंत है’।
भारत के पूर्व मुख्य कोच चैपल ने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ के लिए अपने कॉलम में कहा कि कोहली ने भारत की क्रिकेट पहचान पर सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने के मामले में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया।
उन्होंने कॉलम में लिखा कि कोहली का टेस्ट करियर 2011 में शुरू हुआ और उनका एक दशक से अधिक लंबा करियर संयम, जोश और निडरता से भरा हुआ था।
चैपल ने लिखा, ‘‘कोहली के संन्यास से सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय क्रिकेट में सबसे अधिक परिवर्तनकारी खिलाड़ी का अध्याय खत्म होता है। और शायद कोहली भारत की क्रिकेट पहचान पर सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव के मामले में उनसे भी आगे निकल गए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक दशक से भी अधिक समय तक कोहली ने सिर्फ रन ही नहीं बनाए बल्कि उम्मीदों को फिर से परिभाषित किया, परंपराओं को चुनौती दी और 21वीं सदी के आत्मविश्वासी भारत का प्रतीक बने। ’’
चैपल ने लिखा, ‘‘हमने जो गैर आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर देखे हैं, उनमें उनके तेवर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की तरह हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह टेस्ट में एक योद्धा थे, कभी भी एक इंच भी पीछे नहीं हटते थे। ’’
चैपल ने कहा, ‘‘एक समय था जब भारतीय क्रिकेट विशेष तौर पर विदेशों में आसानी से घुटने टेक देता था लेकिन यह धीरे-धीरे बदल गया। सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को नयी रीढ़ दी। एमएस धोनी की शानदार नेतृत्व क्षमता से सफेद गेंद के क्रिकेट में भारत ने दबदबा बनाया। लेकिन कोहली ने इसे ऊर्जा दी। उन्होंने नयी पटकथा लिखी जिसमें भारत सिर्फ विदेशों में प्रतिस्पर्धी ही नहीं हुआ बल्कि उससे जीत की भी उम्मीद की जाती। ’’
कप्तान के तौर पर भारत के टेस्ट दृष्टिकोण को अकेले ही बदलने का श्रेय कोहली को देते हुए चैपल ने उन्हें असाधारण रूप से समझदार व्यक्ति बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां अन्य लोग प्रतिक्रिया करते, कोहली पहले से ही अनुमान लगा लेते। पारी के शुरू होने से पहले ही उसे भांप लेते और दबाव आने से पहले ही इससे निपट लेते। ’’
चैपल ने कहा, ‘‘तेंदुलकर ‘जीनियस’ थे। धोनी एक ‘कुशल रणनीतिकार’ और ‘फिनिशर’ थे। लेकिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के इतिहास में कोहली सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी रहे। क्यों? क्योंकि उन्होंने बस परिणाम ही नहीं बल्कि मानसिकता बदली। ’’
भाषा नमिता