‘ट्रोल’ के शिकार बने विदेश सचिव के पक्ष में उतरे ‘एसोसिएशन ऑफ डिप्लोमेट्स’, एनसीडब्ल्यू एवं नेता
राजकुमार माधव
- 12 May 2025, 06:23 PM
- Updated: 06:23 PM
नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए 10 मई को सहमति बनने के बाद सोशल मीडिया मंचों पर आलोचना का शिकार हो रहे विदेश सचिव विक्रम मिसरी का वरिष्ठ राजनयिक निरुपमा मेनन राव, भारतीय राजनयिकों के एक संगठन तथा असदुद्दीन ओवैसी एवं अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने समर्थन किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मिसरी, उनके परिवार और विशेष रूप से उनकी बेटी को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किये जाने की कड़ी निंदा की है।
दिल्ली स्थित ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स’ ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस घटना को ‘‘भयावह और पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताया।
उसने कहा, ‘‘ ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स’ विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार की गई ‘ट्रोलिंग’ और डॉक्सिंग (निजता हनन) की कड़ी निंदा करता है। यह भयावह एवं पूर्णतया अस्वीकार्य है। वह एक उत्कृष्ट पेशेवर हैं जिनका रिकार्ड बेदाग है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
एक दिन पहले ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)’ के प्रमुख ओवैसी, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख यादव और पूर्व विदेश सचिव राव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए मिसरी को समर्थन दिया था।
मिसरी ने 15 जुलाई 2024 को विदेश सचिव का पदभार ग्रहण किया था।
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर विदेश सचिव के परिचय में बताया गया है, ‘‘भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के राजनयिक, राजदूत मिसरी ने नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।’’
इसमें कहा गया है कि नयी दिल्ली में उनके कार्यों में ‘‘विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क’’ पर कामकाज तथा दो विदेश मंत्रियों (आई के गुजराल और प्रणब मुखर्जी) के स्टाफ के तौर पर कार्य करना शामिल है।
पिछले कुछ दिनों में मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कई प्रेस वार्ताओं को संबोधित किया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद जमीन, वायु और समुद्र में सभी तरह की गोलाबारी एवं सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर शनिवार को सहमति बनी।
विदेश सचिव मिसरी ने शनिवार शाम को घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को बातचीत के दौरान इस समझौते पर सहमति व्यक्त की और अगली वार्ता 12 मई के लिए निर्धारित की गई है।
इस घोषणा से कुछ ही देर पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता’’ से दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई।
जब मिसरी की ‘ऑनलाइन ट्रोलिंग’ होने लगी तब यादव यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि ऐसे बयानों से देश के लिए दिन-रात काम करने वाले ईमानदार एवं समर्पित अधिकारियों का मनोबल टूटता है।
यादव ने लिखा, ‘‘निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं। इन अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार, न ही उनका कोई मंत्री ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के खिलाफ सामने आकर किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।”
राव ने वरिष्ठ राजनयिक मिसरी को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने को ‘‘बेहद शर्मनाक’’ बताया और कहा कि यह ‘‘शालीनता की हर सीमा को पार करता है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनने की घोषणा को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को ‘ट्रोल’ किया जाना बेहद शर्मनाक है। मिसरी एक समर्पित राजनयिक हैं, जिन्होंने पेशेवर तरीके और दृढ़ संकल्प के साथ भारत की सेवा की है। उनकी निंदा करने का कोई आधार नहीं है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘उनकी बेटी की जासूसी करना और उनके प्रियजनों के साथ दुर्व्यवहार करना शालीनता की हर सीमा को पार करता है। यह जहरीली नफरत बंद होनी चाहिए - हमारे राजनयिकों के पीछे एकजुट होना चाहिए, उन्हें तोड़ना नहीं चाहिए।’’
ओवैसी भी रविवार को मिसरी के समर्थन में आगे आये।
ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अनथक काम कर रहे हैं। यह याद रखना चाहिए कि हमारे सिविल सेवा अधिकारी कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, आयोग ने मिसरी की बेटी की व्यक्तिगत जानकारी को साझा किये जाने की निंदा की, इसे ‘‘बेहद गैर-जिम्मेदाराना कृत्य’’ और सुरक्षा को खतरे में डालने वाला ‘‘गोपनीयता का घोर उल्लंघन’’ बताया।
रहाटकर ने जोर देकर कहा कि मिसरी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के परिजन पर व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी गलत हैं।
एनसीडब्ल्यू ने नागरिकों से ‘ऑनलाइन’ और ‘ऑफलाइन’ दोनों जगहों पर संयमित एवं सम्मानजनक व्यवहार करने का आह्वान किया।
रहाटकर ने कहा, ‘‘हमें गरिमापूर्ण और जिम्मेदाराना आचरण करना चाहिए।’’
भाषा राजकुमार