कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य राज्यों के नेताओं ने भी पाक-भारत संघर्षविराम का किया स्वागत
राजकुमार माधव
- 10 May 2025, 09:30 PM
- Updated: 09:30 PM
बेंगलुरु, 10 मई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए कहा कि युद्ध अनावश्यक था।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं युद्ध विराम का स्वागत करता हूं क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते हैं।"
सिद्धरमैया ने याद दिलाया कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के लिए उनकी पिछली अपील ने विवाद को जन्म दिया था, जिसमें विपक्षी भाजपा ने उनके रुख की आलोचना की थी।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को इस संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए इसे दोनों देशों के लिए अच्छा बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों देश संघर्षविराम के लिए सहमत हो गये हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इसका स्वागत करता हूं। ’’
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा यह कहा है कि वह राष्ट्र के हित में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का दृढ़ता से समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि संघर्ष विराम की घोषणा की गई है, लेकिन आतंकवाद को संघर्ष विराम से कोई मतलब नहीं है। हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम भारत के हर हिस्से और देश के बाहर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए अभी जो कर रहे हैं, उससे ज्यादा करें।’’
विजयवाड़ा से प्राप्त समाचार के अनुसार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र पहले आना चाहिए। उन्होंने भारत में सभी से एकजुट होकर आगे बढ़ने की अपील की।
उन्होंने ये टिप्पणियां राज्यपाल एस अब्दुल नजीर द्वारा राजभवन में विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के संदर्भ में बुलाई गई अंतर-धार्मिक बैठक के दौरान कीं।
नायडू ने कहा, ‘‘राष्ट्र पहले है। हमें अपने देश की रक्षा करनी है। देश पर कोई भी समस्या आए,तो भारत में रहने वाले हर व्यक्ति को न केवल यह कहना चाहिए कि हम सब एक साथ रहेंगे, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी भी है कि हम एक साथ आगे बढ़ें।’’
राज्यपाल अब्दुल नजीर ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम हमले का अनुकरणीय साहस, सटीकता और रणनीतिक संयम के साथ जवाब दिया।
चंडीगढ़ से प्राप्त समाचार के अनुसार कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत किया एवं उम्मीद जताई कि इससे पड़ोसी देश को यह एहसास हो गया होगा कि वह अब आतंकवाद को प्रायोजित और समर्थन नहीं करेगा।
वड़िंग ने पाकिस्तान को मात्र 48 घंटों के भीतर धूल चटाने के लिए देश के रक्षा बलों को बधाई दी और कहा कि भारत ने हमेशा कहा है कि वह कोई युद्ध नहीं चाहता।
उन्होंने कहा,‘‘हमारे रक्षा बलों ने केवल आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया और वहां आतंकवादियों को मार गिराया।’’
उन्होंने एक बयान में कहा,‘‘हमने सरकार का समर्थन किया है लेकिन हम जानना चाहेंगे कि युद्धविराम की शर्तें क्या हैं।’’
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते का स्वागत करता हूं। सीमा पर शांति दोनों देशों के हित में है, खासकर पंजाब के लोगों के लिए जो पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। इन क्षेत्रों में स्थिरता केवल कूटनीति का मामला नहीं है, बल्कि हमारे सीमावर्ती समुदायों की समृद्धि और सुरक्षा के लिए एक आवश्यकता है।’’
भाषा राजकुमार