अमेरिका, चीन के अधिकारियों के बीच जिनेवा में शुल्क वार्ता शुरू
एपी पाण्डेय
- 10 May 2025, 03:19 PM
- Updated: 03:19 PM
जिनेवा, 10 मई (एपी) अमेरिका के वित्त मंत्री और अमेरिका के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ने शनिवार को स्विट्जरलैंड में चीन के उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ वार्ता शुरू की।
इस बातचीत का मकसद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को नुकसान पहुंचाने वाले विवाद को कम करना है।
चीन की शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर जिनेवा ने चीन के वाइस प्रीमियर ही लाइफेंग के नेतृत्व में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ जिनेवा में बातचीत शुरू कर दी हैं।
दोनों पक्षों के राजनयिकों ने भी पुष्टि की कि वार्ता शुरू हो गई है। इस बातचीत से कोई बहुत बड़ा नतीजा सामने आने की उम्मीद कम है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश भारी भरकम शुल्क में कटौती कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे दुनिया भर के वित्तीय बाजारों और अमेरिका-चीन व्यापार पर निर्भर कंपनियों को राहत मिलेगी।
आयात पर उच्च शुल्क लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए और दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बन गई।
ट्रंप के शुल्क लगाने के बाद अप्रैल में चीन ने भी जवाब में अमेरिका पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी। अब चीन के खिलाफ अमेरिका का शुल्क 145 प्रतिशत है जबकि अमेरिका पर चीन ने 125 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है।
इससे पहले चीन ने कहा था कि वह शुल्क कम करने के लिए वार्ता संबंधी अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। यह कदम संभवतः दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच शुल्क युद्ध को कम कर सकता है।
इसबीच ट्रंप ने शुक्रवार को चीन पर लगे ऊंचे सीमा शुल्क को घटाकर 80 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा। इसे दोनों देशों के बीच छिड़े व्यापार युद्ध को शांत करने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया खाते पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''चीन पर 80 प्रतिशत का सीमा शुल्क सही लगता है!''
इसके साथ ही ट्रंप ने चीन से अपने बाजार को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा, ''ऐसा करना उनके लिए काफी अच्छा होगा। बंद बाजार अब काम नहीं करते हैं।''
चीन से आयात पर सीमा शुल्क घटाने का फैसला अमेरिका में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों व आपूर्ति पर शुल्क के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंता के बीच किया गया है।
एपी