दिल्ली से पिछले साल लापता किशोरी को मध्य प्रदेश से बचाया गया, दो महीने की गर्भवती
शुभम पवनेश
- 06 May 2025, 10:24 PM
- Updated: 10:24 PM
नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी से पिछले साल लापता हुई 15 वर्षीय किशोरी को मध्य प्रदेश के ग्वालियर से बचाया गया है। यहां उसे कथित तौर पर एकांत में रखा गया था। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अपहरणकर्ता ने पीड़िता को कथित तौर पर उसके परिवार से किसी भी तरह का संपर्क नहीं करने दिया और वह दो महीने की गर्भवती है।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान अनीस खान के रूप में हुई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि लड़की 18 सितंबर 2024 को लापता हो गई थी, जिसके बाद उसके परिवार ने पुलिस से संपर्क किया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "जांच के दौरान पता चला कि लड़की स्थानीय खाद्य विक्रेता अनीस खान के संपर्क में थी। खान के परिवार के सदस्यों ने पुष्टि की कि वह भी उसी दिन लापता हो गया था। आगे की जांच में पता चला कि खान शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है और लापता होने के समय उसकी पत्नी पांच महीने की गर्भवती थी।"
अधिकारी ने बताया कि खान के मध्य प्रदेश स्थित पैतृक गांव में कई बार छापेमारी की गई, लेकिन उसका पता नहीं चला। उसका मोबाइल भी घटना के दिन से बंद था और उसने तबसे इसका इस्तेमाल भी नहीं किया।
बाद में पुलिस ने संदिग्ध से जुड़े तीन इंस्टाग्राम अकाउंट पर नजर रखी। फरवरी 2025 में बनाया गया एक अकाउंट एक ऐसे मोबाइल नंबर से जुड़ा था जो तब से निष्क्रिय हो चुका
अधिकारी ने कहा कि इन अकाउंट के लिए इस्तेमाल दूसरे नंबर के मालिक ने कहा कि उसका फोन चोरी हो गया था। उन्होंने कहा कि इंटरनेट एक्सेस रिकॉर्ड से टीम दिल्ली के शास्त्री नगर और बाद में गुजरात और मध्य प्रदेश के स्थानों पर पहुंची, जहां लोगों ने खान के विवरण से मेल खाने वाले एक अज्ञात व्यक्ति को मोबाइल हॉटस्पॉट उधार देने की सूचना दी।
एक सफलता तब मिली जब ग्वालियर के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर भेजी गई तस्वीर से खान की पहचान की और बताया कि उसने संदिग्ध को उसके घर के पास देखा था।
इस सूचना के आधार पर ग्वालियर के हजारी बाग इलाके में छापा मारा गया, जहां लड़की खान के साथ मिली।
लड़की दो महीने की गर्भवती पाई गई थी और लापता होने के बाद से उसे किसी से भी संपर्क नहीं करने दिया गया।
पुलिस ने बताया कि उसके मोबाइल फोन में सिम कार्ड नहीं था।
भाषा
शुभम