भारत का पानी अब देश के काम आएगा: प्रधानमंत्री मोदी
नेत्रपाल रंजन
- 06 May 2025, 10:39 PM
- Updated: 10:39 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का पानी अब देश के बाहर नहीं बहेगा, बल्कि इसका उपयोग राष्ट्र के हित में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने के स्पष्ट संदर्भ में पाकिस्तान पर केंद्रित थी।
एबीपी नेटवर्क के ‘इंडिया ऐट 2047’ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बड़े निर्णय लेने और उद्देश्यों को प्राप्त करने में राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना एवं देश की क्षमता पर विश्वास करना महत्वपूर्ण है।
मोदी ने नदियों को आपस में जोड़ने पर अपनी सरकार के कदमों को रेखांकित किया और कहा कि पानी कभी राज्यों के बीच संघर्ष का स्रोत हुआ करता था। उन्होंने पानी के मुद्दे पर जारी चर्चा का हवाला देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कदम का संकेत दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी, भारत के हक में रहेगा। भारत के हक में रुकेगा। और भारत के ही काम आएगा।’’
हालांकि, मोदी ने पाकिस्तान का कोई सीधा संदर्भ नहीं दिया या आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर कोई अन्य टिप्पणी नहीं की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जब लोग देश को देखते हैं, तो वे गर्व से कह सकते हैं कि ‘‘लोकतंत्र में परिणाम मिल सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण से आगे बढ़कर सकल जन सशक्तीकरण (जीईपी) पर आधारित प्रगति की ओर बढ़ रही है।
नदियों को आपस में जोड़ने के लिए किए गए कार्यों के बारे में मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि इन दिनों मीडिया में पानी पर गहन चर्चा हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इससे पहले, जो पानी भारत के हक का था, वह भी देश से बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी देश के हित में बहेगा और देश के काम आएगा।’’
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए यह बात कही।
नए वक्फ कानून का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस कानून में सुधार की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही थी, लेकिन वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए इस नेक काम को भी बदनाम कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘अब संशोधन किए गए हैं जो वास्तविक अर्थों में गरीब मुस्लिम माताओं और बहनों तथा गरीब पसमांदा मुसलमानों की मदद करेंगे।’’
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बदलते भारत का सबसे बड़ा सपना 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनना है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में इसके लिए क्षमताएं, संसाधन और इच्छाशक्ति मौजूद है।’’
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बारे में मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह समझौता दोनों देशों के विकास में एक नया अध्याय लिखेगा।
मोदी ने कहा, ‘‘इससे भारत में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय व्यवसायों तथा एमएसएमई के लिए नये रास्ते और अवसर खुलेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल सुधार कर रहा है, बल्कि दुनिया के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर स्वयं को एक जीवंत व्यापार और वाणिज्य केंद्र भी बना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़े निर्णय लेने और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना और देश की क्षमता में विश्वास रखना महत्वपूर्ण है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘दशकों तक देश में विपरीत धारा चलती रही। एक समय था जब कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले यह सोचा जाता था कि दुनिया क्या सोचेगी? हमें वोट मिलेगा या नहीं? ऐसे ही कारणों से निर्णय और बड़े सुधार अटके रहे।’’
उन्होंने कहा कि देश ऐसे ही आगे नहीं बढ़ता, बल्कि यह तब आगे बढ़ता है जब निर्णयों का आधार ‘राष्ट्र प्रथम’ होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत इस मंत्र के साथ आगे बढ़ा है और इसके परिणाम सबके सामने हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने ऐसे निर्णय लिये हैं जो राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण लंबित थे और अमल में नहीं आ सके थे।’’
मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी बाहर हुए, जिससे 3.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
उन्होंने कहा कि भारत ने उन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है, जहां वह पारंपरिक रूप से मजबूत नहीं था।
प्रधानमंत्री ने भारत के बढ़ते रक्षा निर्यात के बारे में बात की, जिसमें 100 से अधिक देशों को रक्षा उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है और यह इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यातक के रूप में भी उभर रहा है।
भाषा नेत्रपाल