राजभवन के गांधी सभागार में गुजरात राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया
अमित
- 06 May 2025, 05:38 PM
- Updated: 05:38 PM
लखनऊ, छह मई (भाषा) गुजरात राज्य के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश राजभवन के गांधी सभागार में मंगलवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राजभवन के गांधी सभागार में इस कार्यक्रम में गुजरात की समृद्ध लोक संस्कृति, कला, साहित्य, खानपान, परंपराओं एवं विशेषताओं पर आधारित वृत्तचित्र, रंगोली एवं प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें वहां की सांस्कृतिक विविधता की झलक मिली।
गुजरात राज्य का स्थापना दिवस एक मई को मनाया जाता है।
राजभवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में आज आयोजित कार्यक्रम के दौरान गुजरात से आये कलाकारों द्वारा डांडिया नृत्य, गरबा नृत्य, ताली रास नृत्य तथा राठवा आदिवासी लोक नृत्य जैसी रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं।
बयान में कहा गया कि इन कलाकारों की प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में पारंपरिक रंग भर दिए और दर्शकों को गुजरात की सांस्कृतिक पहलू से अवगत कराया। बयान में कहा गया कि इन प्रस्तुतियों को दर्शकों ने भरपूर सराहा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर सभी को गुजरात राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुजरात की संस्कृति, विकास यात्रा और सामाजिक सौहार्द पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि गुजराती भोजन सर्वदा संतुलित एवं पौष्टिक आहार के रूप में जाना जाता है, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व समाहित होते हैं। राज्यपाल ने गुजरात से आए कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी प्रस्तुतियां ऊर्जा, उत्साह और जीवंतता से परिपूर्ण थीं।
उन्होंने कहा कि गुजरात राज्य की स्थापना एक लंबे और व्यापक आंदोलन का परिणाम थी। उन्होंने कहा कि यह कोई सहज प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि सामाजिक एवं राजनीतिक चेतना के व्यापक प्रसार और जनआंदोलन के माध्यम से संभव हो सकी। उन्होंने कहा कि आज गुजरात को एक आधुनिक, विकसित और समृद्ध राज्य के रूप में देखा जाता है, इसका श्रेय सरकार द्वारा सुनियोजित नीति-निर्माण एवं सशक्त क्रियान्वयन को जाता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यवसाय, इन तीनों क्षेत्रों में गुजरात सरकार ने दूरदर्शिता के साथ योजनाएं बनाईं और दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्हें क्रियान्वित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापक व्यावसायिक अवसरों का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि सड़क, बिजली, जल और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया गया, जिससे प्रदेश के हर कोने तक विकास पहुंचा।
राज्यपाल ने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि गुजरात में ‘‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’’ (कारोबार सुगमता) को प्राथमिकता के साथ लागू किया गया, व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाया गया, जिससे निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि उद्योग-धंधों से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु प्रभावशाली नीतिगत ढांचे विकसित किए गए, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास भी राज्य पर मजबूत हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2003 में ‘‘वाइब्रेंट गुजरात’’ शिखर सम्मेलन का आयोजन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में किया गया था, जिसने गुजरात को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर एक नयी पहचान दिलायी।
उन्होंने कहा कि उसमें न केवल देश-विदेश की प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया, बल्कि बड़े स्तर पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए, जिससे गुजरात में रोजगार के अवसरों का विस्तार हुआ और राज्य की छवि एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हुई।
भाषा जफर