राजस्थान: गहलोत ने भाजपा विधायकों के प्रशिक्षण पर उठाया सवाल, मुख्यमंत्री शर्मा का पलटवार
पृथ्वी, रवि कांत
- 05 May 2025, 11:16 PM
- Updated: 11:16 PM
जयपुर, पांच मई (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए सत्तारूढ़ दल के सांसदों व विधायकों को गुजरात में प्रशिक्षण दिलवाने पर सवाल उठाया।
गहलोत ने कहा, “सरकार बने डेढ़ वर्ष हो जाने के बाद प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्या भाजपा आलाकमान को लगता है कि डेढ़ वर्ष में राजस्थान की सरकार विफल हो चुकी है इसलिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है?”
वहीं, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहलोत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात में कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री (गहलोत) अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं”।
गहलोत ने बाद में कहा कि उनका कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है और वे 100 साल तक जिंदा रहकर राजस्थान के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने राजस्थान के अपने सांसदों और विधायकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच से सात मई तक गुजरात के केवड़िया में आयोजित किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी (तत्कालीन) सरकार को गिराने की साजिश रची थी और तब कांग्रेस पार्टी के विधायकों को एकजुट रखने के लिए कुछ दिनों के लिए होटल में रहना पड़ा ताकि भाजपा का कोई प्रलोभन काम न करे।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, “अंतत: भाजपा के धनबल की हार हुई और सत्य की विजय हुई तथा हमारी सरकार चलती रही। लेकिन यह बेहद ही आश्चर्यजनक है कि आज (सोमवार) से अगले कुछ दिनों तक राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकार और भाजपा विधायक दल गुजरात में आलीशान ‘टैंटनुमा रिजॉर्ट’ में प्रशिक्षण लेने के लिए जा रहा है।”
गहलोत ने सवाल किया कि इस प्रशिक्षण में ऐसा क्या होगा जो राजस्थान में नहीं किया जा सकता?
उन्होंने कहा, “जब हमारी (कांग्रेस की) सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय आयोजन जी-20 की बैठक जयपुर, उदयपुर आदि शहरों में हुईं थी तो भाजपा के मुख्यमंत्री और विधायकों का प्रशिक्षण राजस्थान के बाहर करवाने की नौबत क्यों आई?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जब राज्य की जनता बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था, गर्मी में पानी व बिजली की कमी, चिकित्सा सुविधाओं के बंटाधार से त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है तब भाजपा की पूरी सरकार मौज-मस्ती के लिए गुजरात में है। राजस्थान की जनता इसे याद रखेगी।”
वहीं, टीकाराम जूली ने भी सवाल उठाया कि क्या डेढ़ वर्ष से राजस्थान में अप्रशिक्षित सरकार चल रही है।
जूली ने कहा, “यह कैसी विडंबना है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडल और भाजपा के पूरे विधायक दल को गुजरात बुलाकर उन्हें शासन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यानी डेढ़ वर्ष तक अप्रशिक्षित सरकार राजस्थान को चला रही थी।”
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “अभी तक यह सुनने में आ रहा था कि अप्रत्यक्ष रूप से गुजरात से राजस्थान की सरकार चलाई जा रही है। अब प्रत्यक्ष रूप से ऐसा किया जा रहा है।”
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “खैर, जब सरकार और उसके पूरे विधायक दल को गर्मी में बिजली, पानी और चिकित्सा सुविधाओं के इंतजाम में जुटना चाहिए था तब वो नर्मदा नदी के किनारे टैंटनुमा घरों में मौज-मस्ती कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री शर्मा ने गहलोत के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के वडोदरा में एक कार्यक्रम में कहा कि गहलोत अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
शर्मा ने कहा, “मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप अपनी इस मानसिकता को ठीक करिए। आप अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। आपको अच्छे विचार लेने चाहिए। अगर आप अच्छे विचार लेते तो आज आपकी ऐसी दुर्गति नहीं होती। आप (कांग्रेस) जो पूरे देश में थे, आज एक से दो राज्यों तक सिमट कर रह गए हैं।”
शर्मा ने कहा कि भाजपा विधायक ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
गहलोत ने बाद में यहां हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है।
गहलोत ने कहा, ''मेरा कोई मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है, मैं मुख्यमंत्री जी को, प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी जी को, विश्वास दिलाता हूं कि मेरा मानसिक संतुलन बिल्कुल नहीं बिगड़ा है, बल्कि (महात्मा) गांधी जी ने तो कहा था कि मैं 125 साल जिंदा रहना चाहता हूं सेवा करने के लिए, और मैं कह रहा हूं मैं कम से कम सौ साल जिंदा रहना चाहता हूं, राजस्थान प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए।''
गहलोत ने कहा,''जिसकी भावना इतनी बड़ी हो कि मुझे सौ साल तक सेवा करनी है उसका मानसिक संतुलन हमेशा कायम रहेगा ये मेरा कहना है मुख्यमंत्री भजनलाल जी को।''
भाजपा की ओर से वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत के बयान को खारिज करते हुए कहा कि गहलोत बाड़ाबंदी और प्रशिक्षण में अंतर नहीं कर पा रहे है।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है। देशभर में जिन राज्यों में भाजपा सरकार है वहां प्रशिक्षण शिविर चलते रहते है। ऐसे में गहलोत द्वारा 'मौज-मस्ती' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना सरासर गलत है।
भाषा
पृथ्वी, रवि कांत