ओवैसी ने केंद्र से पूछा: देश में जाति जनगणना कब होगी
पारुल राजकुमार
- 03 May 2025, 12:05 AM
- Updated: 12:05 AM
किशनगंज, दो मई (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि देश में जातिगत जनगणना कब कराई जाएगी।
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की थी कि जातिगत गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी।
बिहार के सीमांचल क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जातिगत जनगणना समाज के हर वर्ग के लिए न्याय और प्रभावी सकारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन हम केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना के लिए निर्धारित समय सीमा जानना चाहते हैं। आप (केंद्र सरकार) इसे कब शुरू करेंगे और यह प्रक्रिया कब तक पूरी हो जाएगी?”
एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया, “पसमांदा और गैर-पसमांदा मुसलमानों की अलग-अलग गणना की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो कि लाभ हाशिये पर पड़े लोगों को मिले। अद्यतन जातिगत आंकड़ों के अभाव के कारण निष्पक्ष नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं, जिससे देश को पुरानी पड़ चुकी 1931 की जाति जनगणना पर निर्भर रहना पड़ रहा है।”
पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, “हम सभी इसकी निंदा करते हैं। हमारी पार्टी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए सरकार को पूरा समर्थन दिया है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए कि इस जघन्य हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
संसद के दोनों सदनों में हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर ओवैसी ने कहा, “यह कानून मुसलमानों के खिलाफ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झूठ फैला रही है कि नया वक्फ कानून मुसलमानों, खासकर महिलाओं के लिए फायदेमंद है। हमें नये वक्फ कानून के खिलाफ लड़ना होगा।”
सीमांचल क्षेत्र में बिहार के चार उत्तर-पूर्वी जिले-पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार शामिल हैं। इस क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी काफी है।
ओवैसी शनिवार को किशनगंज में एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं।
भाषा पारुल