आंबेडकर के देहावसान के बाद भी उनके प्रति नेहरू की ‘‘दुश्मनी’’ कायम रही : मोहन यादव
हर्ष जोहेब
- 29 Apr 2025, 10:15 PM
- Updated: 10:15 PM
(फोटो के साथ)
इंदौर, 29 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर देश के प्रति डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान को नकारने के प्रयास का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मन में संविधान निर्माता को लेकर दुश्मनी का भाव उनके निधन के बाद भी कायम रहा।
यादव ने यह बयान ऐसे वक्त दिया, जब आंबेडकर की जन्मस्थली मध्यप्रदेश में उनकी विरासत को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच सियासी जंग लगातार तेज हो रही है।
प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ग्वालियर में सोमवार को "संविधान बचाओ रैली" आयोजित की थी जिसमें वह सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार देती नजर आई थी।
मुख्यमंत्री यादव ने भाजपा के ‘‘डॉ. भीमराव आम्बेडकर सम्मान अभियान’’ के तहत इंदौर में आयोजित संगोष्ठी में कहा, ‘‘आंबेडकर ने जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करके अपने जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल किया था जिससे नेहरू घबरा गए। नेहरू अपने पिता की विरासत के बलबूते पर आगे बढ़े थे, लेकिन वह भारत की जड़ों से नहीं जुड़े थे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि आंबेडकर के जीते जी नेहरू के मन में उन्हें लेकर बुरा भाव था और संविधान निर्माता के देहावसान के बाद भी उनके प्रति नेहरू की यह ‘दुश्मनी’‘ कायम रही।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने पूरी ताकत लगाकर आंबेडकर को अलग-अलग चुनावों में हरवाया। आंबेडकर ने नयी दिल्ली में अपना शरीर त्यागा, लेकिन नेहरू ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके दाह संस्कार की अनुमति नहीं दी।’’
उन्होंने यह दावा भी किया कि आंबेडकर का पार्थिव शरीर दाह संस्कार के लिए जिस विमान से मुंबई ले जाया गया, उसका किराया चुकाने के लिए संविधान निर्माता की पत्नी को बिल थमा दिया गया।
यादव ने कहा, ‘‘चुनावों में आंबेडकर का नाम लेकर वोट मांगने से पहले कांग्रेस को अपने वे सब पाप याद करने चाहिए जो उसने अतीत में उनके साथ अन्याय के रूप में किए थे। कांग्रेस को इन पापों के लिए माफी मांगनी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के वंचित और शोषित वर्गों के साथ होने वाले जातिगत भेदभाव को मिटाने में आंबेडकर का बहुत बड़ा योगदान।
उन्होंने कहा, "…लेकिन यह बात भी सही है कि कांग्रेस और उसके नेताओं ने आंबेडकर के इस योगदान को नकारने का प्रयास किया।"
यादव ने कहा कि भाजपा की सरकारों ने देश-दुनिया में आंबेडकर की विरासत से जुड़े स्थानों को सहेज कर विकसित किया और सामाजिक एकता के प्रति उनके योगदान को सम्मान दिया।
उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारी संविधान बचाओ रैली की सफलता से भाजपा बुरी तरह बौखला गई है। इस कारण मुख्यमंत्री यादव द्वारा नेहरू और आम्बेडकर के रिश्तों को लेकर दुष्प्रचार और झूठे दावे किए गए हैं। इन दावों को लेकर मुख्यमंत्री के पास कोई भी प्रमाण नहीं है।’’
शुक्ला ने आरोप लगाया कि आंबेडकर का रचा गया संविधान भाजपा के राज में सुरक्षित नहीं है।
आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इंदौर के पास महू के काली पलटन इलाके में हुआ था। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रितानी राज में सैन्य अफसर थे जबकि मां का नाम भीमाबाई था। आंबेडकर का छह दिसंबर 1956 को नयी दिल्ली में निधन हो गया था।
भाषा हर्ष