साझेदारी मजबूत करने को उत्सुक हूं : मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी की चुनावी जीत पर कहा
सुभाष माधव
- 29 Apr 2025, 04:43 PM
- Updated: 04:43 PM
नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा के संघीय चुनाव में वहां के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी की जीत पर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होने तथा दोनों देशों के लोगों के लिए व्यापक अवसर सृजित होने की उम्मीद कर रहे हैं।
कार्नी एक अर्थशास्त्री हैं और राजनीति में नये हैं लेकिन उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क लगाने की घोषणा की पृष्ठभूमि में हुए चुनावों में लिबरल पार्टी को उल्लेखनीय जीत दिलाई।
यह 2015 के बाद से लिबरल पार्टी की चौथी जीत है, हालांकि जनमत सर्वेक्षणों की तुलना में कंजर्वेटिव पार्टी के साथ इसकी कांटे की टक्कर हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बधाई संदेश में कहा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्य, कानून के शासन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता और दोनों देशों के लोगों के बीच जीवंत संबंध रखते हैं।
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने और लिबरल पार्टी की जीत पर आपको बधाई मार्क जे. कार्नी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के लिए आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं।’’
प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो के हटने के बाद, कार्नी ने इस शीर्ष पद का प्रभार संभाला था।
भारत और कनाडा के बीच संबंध सितंबर 2023 में ट्रूडो के इन आरोपों के बाद काफी तनावपूर्ण हो गए थे कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता है।
हालांकि, नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था और इसे ‘‘बेतुका’’ करार दिया था।
पिछले साल की दूसरी छमाही में दोनों देशों के बीच संबंध और भी खराब हो गए थे, जब ओटावा ने तत्कालीन उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों का संबंध निज्जर की हत्या से होने का दावा किया था।
पिछले साल अक्टूबर में भारत ने वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था। भारत ने नयी दिल्ली से इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया था।
पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने फिर से संपर्क शुरू किया है और दोनों पक्ष नये उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से हटने को द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में देखा गया।
भारत ने ट्रूडो सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तान समर्थक तत्वों को संचालित होने की अनुमति देने का आरोप लगाया था। ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद, नयी दिल्ली ने कहा था कि उसे ‘‘पारस्परिक विश्वास और संवेदनशीलता’’ के आधार पर कनाडा के साथ संबंधों के फिर से दुरूस्त होने उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मार्च में कहा था, ‘‘भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट का कारण उस देश में चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को दी गई खुली छूट है।’’
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की पूर्व प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को भी उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में जीत के लिए आपको हार्दिक बधाई। हम त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ अपने ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और पारिवारिक संबंधों को संजोए हुए हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं हमारे लोगों की साझा समृद्धि और कल्याण के लिए हमारी साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से आपके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।’’
भाषा
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