कश्मीर में वर्ष 2000 से नागरिकों पर हुए प्रमुख आतंकवादी हमले
प्रीति सुरेश
- 22 Apr 2025, 10:03 PM
- Updated: 10:03 PM
श्रीनगर, 22 अप्रैल (भाषा) कश्मीर में वर्ष 2000 से नागरिकों पर हुए प्रमुख आतंकवादी हमलों का विवरण इस प्रकार है:
21 मार्च, 2000
अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में आतंकवादियों ने 21 मार्च की रात को अल्पसंख्यक सिख समुदाय को निशाना बनाया, जिसमें 36 लोग मारे गए थे।
अगस्त, 2000
नुनवान बेस कैंप पर हुए आतंकवादी हमले में कई अमरनाथ यात्रियों सहित 32 लोगों की जान चली गई थी।
जुलाई, 2001
साल 2001 में फिर से अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया। अनंतनाग के शेषनाग बेस कैंप में हुए आतंकवादी हमले में 13 लोग मारे गए थे।
एक अक्टूबर, 2001
श्रीनगर स्थित जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल परिसर पर आत्मघाती आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें 36 लोग मारे गए।
वर्ष 2002
अमरनाथ तीर्थयात्रियों को पुन: निशाना बनाया गया और चंदनवारी बेस कैंप पर हुए आतंकवादी हमले में 11 श्रद्धालु मारे गए।
23 नवंबर, 2002
दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में नौ सुरक्षाबल, तीन महिलाओं और दो बच्चों सहित 19 लोगों की जान चली गई थी।
23 मार्च, 2003
पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में आतंकवादियों ने 11 महिलाओं और दो बच्चों सहित कम से कम 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी।
13 जून, 2005
पुलवामा में एक सरकारी स्कूल के सामने लगे बाजार में विस्फोटकों से लदी एक कार खड़ी थी, जिसमें विस्फोट होने से स्कूल के दो बच्चों और सीआरपीएफ के तीन अधिकारियों सहित 13 नागरिक मारे गए थे, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए थे।
12 जून, 2006
कुलगाम में हुए आतंकवादी हमले में नेपाल और बिहार के नौ मजदूर मारे गए थे।
10 जुलाई, 2017
कुलगाम में अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादी हमला किया गया था, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी।
जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर किए गए हमलों के लगातार सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया गया। उदाहरण के तौर पर, पुलवामा में 2019 में आत्मघाती हमला किया गया था, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 47 जवानों की जान चली गई थी।
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