भारत का जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी दोगुना कर 23 प्रतिशत करने का लक्ष्य: सीतारमण
रमण अजय
- 22 Apr 2025, 09:26 PM
- Updated: 09:26 PM
सैन फ्रांसिस्को, 22 अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि भारत अगले दो दशक में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति देना है।
सीतारमण ने कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के हूवर इंस्टिट्यूशन में अपने संबोधन में कहा कि भारत जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, चिकित्सा उपकरण, बैटरी और चमड़ा और कपड़ा सहित श्रम गहन उद्योगों जैसे 14 चिन्हित उभरते क्षेत्रों पर ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए युवा कार्यबल को रोजगार देने, आयात निर्भरता को कम करने और प्रतिस्पर्धी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करने के लिए विनिर्माण को बढ़ाना आवश्यक है।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के मद्देनजर विनिर्माण के संबंध में दुनिया में एक नई व्यवस्था बन रही है और भारत भी बदलाव देख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 64 प्रतिशत है और यदि इसे एक तरफ देखा जाए, तो निचले स्तर पर ‘गिग’ (अस्थायी या फ्रेंचाइजी आधार पर काम करने वाले) अर्थव्यवस्था की वृद्धि तेज है। वास्तव में, यदि 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार अगर आज 71 लाख लोग गिग अर्थव्यवस्था में हैं, तो हमारा अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या 23 करोड़ हो जाएगी। यह विनिर्माण नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि अगले दशक में या 2047 तक रोजगार का कितना हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र में होगा, सीतारमण ने कहा, ‘‘... सेवा क्षेत्र जीडीपी और रोजगार दोनों में गैर-आनुपातिक रूप से योगदान दे रहा है... लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि विनिर्माण को अलग रखा जाना चाहिए। हम विनिर्माण के योगदान को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 22-23 प्रतिशत करने की उम्मीद कर रहे हैं।’’
सरकार ने विनिर्माण को मजबूत करने के लिए 14 उभरते क्षेत्रों... समीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, चिकित्सा उपकरण, हाइड्रोजन मिशन, बैटरी आदि को चिन्हित किया है और उन्हें बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है।
सीतारमण ने विनिर्माण क्षेत्र के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज को जोड़ता है और रोजगार के अवसर और वित्तीय मजबूती प्रदान कर एकजुटता प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक वृद्धि के लिए विनिर्माण परिवर्तन के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में काम करता है।
सीतारमण ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के हाल में शुल्क से संबंधित कार्रवाई और भारत पर इसके प्रभाव के बारे में कहा कि जब सरकार में स्थिरता होती है, नीतियों में निरंतरता होती है, कर व्यवस्था भरोसेमंद होती है, तो निवेश और वृद्धि की योजना बनाई जा सकती है और काफी हद तक क्रियान्वित किया जा सकता है।
भाषा रमण