एमसीडी की 25 अप्रैल की बैठक में बुनियादी ढांचे के विकास, जन स्वास्थ्य जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
खारी पवनेश
- 22 Apr 2025, 09:04 PM
- Updated: 09:04 PM
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 25 अप्रैल को होने वाली बैठक में दक्षिण दिल्ली की एक सड़क का नाम बदलकर एक प्रमुख बोडो नेता के नाम पर रखने, बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और नगर निगम कर्मचारी स्वास्थ्य योजना की समीक्षा जैसे प्रस्ताव पेश किये जाएंगे।
इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम महापौर और उप महापौर का चुनाव होगा, लेकिन इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, जन स्वास्थ्य और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पहलों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
महापौर और उप महापौर चुनाव का आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा बहिष्कार किए जाने के बाद इसके परिणाम भाजपा के पक्ष में जाने की प्रबल संभावना है।
बुनियादी ढांचे के मुद्दों में, लाला लाजपत राय मार्ग (कैलाश कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के पास) का नाम बदलकर बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा मार्ग करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
बैठक में जन स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
नगर निगम 2025 एमसीडी कर्मचारी स्वास्थ्य योजना की समीक्षा करेगा।
बैठक में नेहरू विहार के प्राथमिक स्कूल के भीतर एक असुरक्षित इमारत सहित जर्जर ढांचे को ध्वस्त करने की योजना पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक के एजेंडे में श्रम मुद्दे भी शामिल हैं।
इस बीच, भाजपा दो साल के बाद एमसीडी की सत्ता पर लौटती दिख रही है, क्योंकि सोमवार को आम आदमी पार्टी ने महापौर चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की।
दिल्ली में महापौर और उप महापौर के लिए 25 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस ने उम्मीदवार मैदान में उतारे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजा इकबाल सिंह ने महापौर पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया, जबकि पार्टी ने उप महापौर पद के लिए बेगमपुर वार्ड नंबर-27 के पार्षद जय भगवान यादव को मैदान में उतारा।
इकबाल सिंह पहले भी महापौर रह चुके हैं और वर्तमान में नगर निगम में विपक्ष के नेता हैं।
कांग्रेस के मंदीप सिंह ने महापौर पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। वह नांगलोई वार्ड नंबर-47 का प्रतिनिधित्व करते हैं। अबुल फजल एन्क्लेव, वार्ड नंबर-188 की पार्षद अरीबा खान उप महापौर पद के लिए पार्टी की उम्मीदवार हैं।
नगर निगम में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म करके दो साल से अधिक समय से शासन कर रही ‘आप’ ने महापौर चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया।
नगर निगम के 2022 के चुनावों में ‘आप’ ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने 104 वार्ड जीते। हालांकि बाद में ‘आप’ के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए।
भाषा
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