किसानों की आमदनी बढ़ाने, खेती को बेहतर बनाने को निरंतर प्रयास कर रही है सरकार : चौहान
राजेश राजेश अजय
- 22 Apr 2025, 08:59 PM
- Updated: 08:59 PM
चंडीगढ़, 22 अप्रैल (भाषा) कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र का सतत प्रयास है कि कृषि को कैसे बेहतर बनाया जाए और किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने हरियाणा के करनाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कृषि क्षेत्र, अन्य संबंधित क्षेत्रों के साथ, वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
चौहान ने कहा, ‘‘हमारा निरंतर प्रयास है कि कृषि को कैसे बेहतर बनाया जाए और किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए।’’
चौहान करनाल में आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान में ‘जीन एडिटिंग’ प्रयोगशाला के उद्घाटन के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
चौहान ने नई फसल किस्मों को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज भारत गेहूं उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
किसानों की प्रशंसा करते हुए चौहान ने कहा कि वे अन्नदाता हैं और भोजन जीवन के लिए जरूरी है, इसलिए किसान जीवनदाता भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
चौहान ने जोर देकर कहा कि प्रति हेक्टेयर फसल उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान गेहूं के उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि उन्नत बीजों की किस्मों की भी जरूरत है और आईसीएआर जैसे संस्थान अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा, ‘‘हमें ऐसी किस्में विकसित करनी होंगी जो कम पानी की खपत करें और गर्मी को झेल सकें। ‘बायो-फोर्टिफाइड’ (जैविक पोषण संवर्धित) किस्मों की भी जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें किसानों को विज्ञान से जोड़ना होगा।’’
इससे पहले दिन में चौहान आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-एनडीआरआई), करनाल के 21वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। एनडीआरआई के बयान के अनुसार, चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि पशुपालन की नवीनतम तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ कृषि के विविधीकरण का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सही तरीके से प्रयास किए जाएं तो भारतीय डेयरी उत्पाद दुनिया भर में उपलब्ध हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एनडीआरआई जैसे संस्थान और यहां पढ़ने वाले छात्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
एनडीआरआई के कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि एनडीआरआई ने डेयरी फार्मिंग और पशुपालन के क्षेत्र में सराहनीय प्रयास किए हैं, जिससे भारतीय डेयरी उद्योग को नई दिशा मिली है।
चौधरी ने कहा कि भारत में दूध, डेयरी उत्पाद न केवल आहार का हिस्सा हैं, बल्कि संस्कृति, अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक हैं।
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