कवि आमिर अजीज ने चित्रकार अनीता दुबे पर अपनी प्रसिद्ध कविता की चोरी का आरोप लगाया
शुभम माधव
- 21 Apr 2025, 08:22 PM
- Updated: 08:22 PM
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) साल 2021 में देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सुर्खियां बटोरने के चार साल बाद, कवि आमिर अजीज की रचना ‘सब याद रखा जाएगा’ फिर से चर्चा में है।
अजीज ने रविवार को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर कई पोस्ट की, जिनमें आरोप लगाया गया कि प्रसिद्ध चित्रकार अनीता दुबे ने उनकी कविता का इस्तेमाल उनकी ‘जानकारी, सहमति, श्रेय दिए’ बिना राष्ट्रीय राजधानी के वढेरा आर्ट गैलरी में प्रदर्शित अपनी कृतियों में किया है।
"आमिर अजीज द्वारा दुख के साथ शुरू किए गए सोशल मीडिया ट्रायल" पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दुबे ने कहा कि उनकी कविता को उद्धृत करने का उद्देश्य उसका जश्न मनाना था और उन्होंने माफी मांगने के लिए उनसे संपर्क किया था।
दुबे ने एक बयान में कहा, "मुझे 'सब याद रखा जाएगा' से प्यार है, खासकर कुछ पंक्तियां जो मेरे दिमाग में दरवेशों की तरह घूमती रहती हैं। एक दृश्य कलाकार के रूप में मैं उन सामग्रियों के साथ काम करती हूं जो मुझे पसंद हैं, जो आलोचनात्मक टिप्पणी करने का माध्यम बन जाती हैं और आमिर अजीज की कविता के शब्दों को उद्धृत करने का उद्देश्य उनका जश्न मनाना था।"
कलाकार ने कहा, "मुझे एहसास हुआ कि मैंने केवल श्रेय देकर नैतिक चूक की है, लेकिन आमिर की कविता के शब्दों का उपयोग करके उनसे बात नहीं की। हालांकि मैंने उनसे संपर्क किया, उनसे माफी मांगी और पारिश्रमिक देकर इसे ठीक करने की पेशकश की। आमिर ने इसके बजाय कानूनी नोटिस भेजने का विकल्प चुना और फिर मुझे भी वकील के पास जाना पड़ा।"
दुबे की प्रदर्शनी ‘थ्री स्टोरी हाउस’ में उनकी हाल की कृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें मूर्तियां, मिश्रित-मीडिया कृतियां आदि शामिल हैं।
दुबे ने कहा कि इन कार्यों को तत्काल "बिक्री के लिए नहीं" रखा गया है तथा आशा है कि इस मुद्दे को "निष्पक्ष तरीके से" सुलझा लिया जाएगा।
अजीज के आरोपों का जवाब देते हुए, गैलरी ने उम्मीद जताई कि दोनों कलाकारों के बीच का मुद्दा ‘सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक तरीके से हल किया जा सकता है’।
गैलरी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम एक महीने से ज्यादा समय से आमिर अजीज और उनके कानूनी प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसे हमने बहुत गंभीरता से लिया है। हमने तुरंत सुनिश्चित किया कि आमिर अजीज ने जिन कृतियों पर चिंता व्यक्त की है, उन्हें बिक्री के लिए नहीं रखा जाए।’’
फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में, अजीज ने लिखा कि 18 मार्च को एक दोस्त ने उन्हें फोन किया, जब उसने उनकी कविता को वढेरा आर्ट गैलरी में प्रदर्शित एक कृति पर लिखा देखा।
अजीज ने कहा, ‘‘यह पहली बार था जब मुझे पता चला कि अनीता दुबे ने मेरी कविता को लिया और उसे अपनी ‘कला’ में बदल दिया।’’
उन्होंने कहा कि जब दुबे से बात की गई, तो उन्होंने ‘एक जीवित कवि की कृति को उठाकर, उसे अपने कलेवर में ढालकर, उसे लाखों रुपये में अभिजात्य कला वीथियों में बेचने की बात को सामान्य बताया।’’
जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र ने कहा, ‘‘और विडंबना? कविता अन्याय के खिलाफ थी। अनीता दुबे ने इसे एक विलासिता की वस्तु में बदल दिया। यह न केवल इस बात का सबूत है कि अन्याय जीवित है, बल्कि यह भी कि यह अब रेशम के दस्ताने पहनता है और खुद को कला के रूप में बेचता है। विरोध में लिखी गई एक कविता को मुनाफे के लिए नुकसान पहुंचाया गया और मखमल में सिल दिया गया।’’
अजीज ने नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में 2020 में कविता लिखी थी। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब लोकप्रिय हुई जब पिंक फ्लॉइड के संगीतकार रोजर वाटर्स ने लंदन में एक कार्यक्रम में कविता का अनुवाद पढ़ा।
सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में, अजीज ने कहा कि दुबे 2023 की शुरुआत से ही ‘ऑफ मिमिक्री, मिमिसिस एंड मास्करेड, क्यूरेट बाय अर्शिया लोखंडवाला’ नामक प्रदर्शनी में कविता का उपयोग कर रही थीं, जिसे बाद में इस साल इंडिया आर्ट फेयर में प्रदर्शित किया गया था।
अजीज ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारी पहली बातचीत में इसका जिक्र नहीं किया। उन्होंने इसे छिपाया। जानबूझकर। चलिए स्पष्ट कर दें: अगर कोई मेरी कविता को किसी विरोध प्रदर्शन, रैली, जन-विद्रोह में तख्ती पर लिखकर दिखाता है तो मैं उनके साथ खड़ा हूं। लेकिन यहां ऐसा नहीं है।’’
भाषा
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